Smallpox Vaccine India: हाल ही में जब एमपॉक्स के मामले सामने आए तो सभी ने कोरोना वायरस की तरह इसकी वैक्सीन की मांग और खोज की. दुर्भाग्य से अभी भी एमपॉक्स की वैक्सीन भारत में उपलब्ध नहीं है. हम ये जानते हैं कि एमपॉक्स चेचक (Smallpox) वायरस के परिवार का हिस्सा है और इसलिए इसका संक्रमण भी चेचक जैसा ही है, हालांकि यह कम गंभीर होता है. स्मॉल पॉक्स (चेचक) एक बेहद घातक और संक्रामक रोग था, जो सदियों तक लाखों लोगों की जान ले चुका था. इस बीमारी के लिए बनाया गया टीका मेडिकल साइंस का एक बड़ा आविष्कार था, जिसने इसे लगभग पूरी तरह से मिटा दिया. अब चेचक का टीका बचपन में ही लगा दिया जाता है, लेकिन क्या ये टीका अब एमपॉक्स से बचाव कर सकता है. इसी सवाल का जवाब जानने के लिए हमने बात की डॉक्टर चारु दत्त अरोड़ा से.
यह भी पढ़ें: कितने दिन तक कोई संक्रमित व्यक्ति फैला सकता है एमपॉक्स? जानें कैसे फैलता है, लक्षण और बचाव के तरीके
क्या चेचक का टीका एमपॉक्स से बचाव करता है?
डॉक्टर चारु दत्त अरोड़ा का कहना है कि जिन लोगों को बचपन में स्मॉल पॉक्स यानि चेचक का टीका लगा है वे कुछ हद एमपॉक्स से सुरक्षित हैं. हालांकि अगर आपको बचपन में ये टीका नहीं लगाया गया है और आप इसे अब एमपॉक्स से बचाव के लिए लगाते हैं तो इसे लगाने से कोई फायदा नहीं होगा. चेचक के टीके में कुछ हद तक क्रॉस-प्रोटेक्शन क्षमता होती है. इसका मतलब है कि बचपन में लगवाया गया चेचक का टीका एमपॉक्स वायरस के खिलाफ कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान कर सकता है.
चेचक के टीके से मिलने वाली सुरक्षा
हालांकि बचपन में लगवाया चेचक का टीका एमपॉक्स के खिलाफ कुछ सुरक्षा प्रदान करता है, यह ध्यान रखना जरूरी है कि इस सुरक्षा का स्तर समय के साथ घट सकता है. चेचक के टीके की प्रभावशीलता बचपन में लगने के कई सालों बाद कमजोर हो सकती है, खासकर जब टीकाकरण के कई दशकों बाद व्यक्ति एमपॉक्स के संपर्क में आता है. उदाहरण के लिए, जो लोग 40 साल या उससे पहले चेचक का टीका लगवा चुके हैं, उनमें यह इम्युनिटी अब उतनी मजबूत नहीं हो सकती है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)