क्या भारतीय लोग भी पा सकते हैं कोरियन जैसी ग्लास स्किन? Doctor ने बताया क्या करें

Indian Skin vs Korean Skin: स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. गारेकर ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, अगर आप मुझसे पूछें कि कोरियन ग्लास स्किन कैसे पाएं तो मेरा जवाब है- बिल्कुल नहीं! कोई भी स्किन रूटीन या ट्रीटमेंट आपको वही परिणाम नहीं देगा, क्योंकि हमारी त्वचा कोरियन त्वचा जैसी नहीं है.

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Korean Glass Skin: भारतीयों की त्वचा में मेलेनिन की मात्रा ज्यादा होती है.

Korean Glass Skin: भारत में के-ड्रामा का क्रेज लगातार बढ़ रहा है और इसके साथ ही जेनरेशन जेड (Gen Z) अब कोरियन ग्लास स्किन पाने के सपने में खो गई है. सोशल मीडिया पर हर जगह ग्लास स्किन रूटीन और के-ब्यूटी सीक्रेट्स की भरमार है. लोग सैलून और क्लीनिक की तरफ भाग रहे हैं, महंगे ट्रीटमेंट पर हजारों रुपये खर्च कर रहे हैं, ताकि वे भी ट्रांसपेरेंट त्वचा पा सकें. लेकिन, एक सच्चाई जो शायद बहुतों को झटका दे सकती है वो ये है कि भारतीय हूबहू कोरियाई ग्लास स्किन नहीं पा सकते.

स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. गारेकर ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, अगर आप मुझसे पूछें कि कोरियन ग्लास स्किन कैसे पाएं तो मेरा जवाब है- बिल्कुल नहीं! कोई भी स्किन रूटीन या ट्रीटमेंट आपको वही परिणाम नहीं देगा, क्योंकि हमारी त्वचा कोरियन त्वचा जैसी नहीं है. उन्होंने इसके पीछे दो मुख्य कारण बताए जेनेटिक्स और जलवायु संबंधी अंतर.

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कोरियन स्किन से किस तरह अलग है भारतीय लोगों की त्वचा?

डॉ. गारेकर के मुताबिक, भारतीयों की त्वचा में तेल और वसामय ग्रंथियों की गतिविधि (sebaceous activity) कोरियाई लोगों की तुलना में ज्यादा होती है. इस वजह से हमारे पोर्स बड़े दिखते हैं और “ग्लास जैसी पारदर्शिता” मिलना लगभग असंभव है. इसके अलावा, भारतीयों की त्वचा में मेलेनिन की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे टैनिंग, पिगमेंटेशन और असमान त्वचा टोन जैसी समस्याएं आम हैं.

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जलवायु भी बड़ी भूमिका

भारत जैसे देश में तेज धूप, हाई UV इंडेक्स और प्रदूषण त्वचा को हर दिन एक चुनौती देते हैं. वहीं कोरिया में ठंडा मौसम, कम प्रदूषण और नमी का स्तर त्वचा को निखारने में मदद करता है. यही कारण है कि भारतीय त्वचा कोरियन ग्लास स्किन जैसी ट्रांसपेरेंसी नहीं पा सकती, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह ग्लो नहीं कर सकती.

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इंडियन गोल्डन ग्लो हमारी अपनी पहचान

डॉ. गारेकर ने कहा, “हम कोरियन ग्लास स्किन नहीं पा सकते, लेकिन हम अपनी इंडियन गोल्डन ग्लो जरूर पा सकते हैं.” इसका मतलब है हेल्दी, बैलेंस्ड और स्वाभाविक रूप से चमकती हुई त्वचा, जो हमारे मौसम और जेनेटिक्स के अनुकूल हो.

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भारतीय स्किन के लिए डॉक्टर की सलाह

- रोजाना ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लोशन लगाएं (घर में भी).
- हफ्ते में 2–3 बार माइल्ड AHA/BHA एक्सफोलिएशन करें.
- अपनी स्किन टाइप के हिसाब से रेटिनॉयड का इस्तेमाल करें, लेकिन त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लेकर.
- ज्यादा हार्श प्रोडक्ट्स या ओवर- एक्सफोलिएशन से बचें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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