प्रेग्नेंसी से पहले जहरीली हवा में सांस लेना बच्चे के लिए खतरनाक, हो सकता है मोटापे का शिकार, स्टडी में हुआ खुलासा

Air Pollution Effects On Pregnancy: पत्रिका एनवायरमेंटल रिसर्च में प्रकाशित शोध के अनुसार, इस समय सीमा (गर्भाधारण से तीन महीने पहले) के दौरान प्रदूषण का असर शुक्राणु और एग हेल्थ पर पड़ता है. अध्ययन में शंघाई के प्रसूति क्लीनिकों में भर्ती किए गए 5,834 मां-बच्चे के जोड़े शामिल थे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Toxic Air And Pregnancy: इस बार गर्भाधारण से पहले की स्थितियों पर रिसर्च की गई है.

Toxic Air And Pregnancy: एक शोध में यह बात सामने आई कि गर्भधारण से पहले तीन महीने एयर पॉल्यूशन पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5, पीएम 10) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ 2) के ज्यादा संपर्क में रहने से जन्म के दो साल बाद तक बच्‍चे में मोटापे का खतरा बना रह सकता है. प्रदूषण के दुष्प्रभाव को लेकर पहले भी शोध हुए थे. उनमें गर्भावस्था के दौरान की चुनौतियों का जिक्र था, लेकिन इस बार गर्भाधारण से पहले की स्थितियों पर रिसर्च की गई है.

अमेरिका और चीन के शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा किए गए नए अध्ययन में गर्भधारण से पहले की अवधि पर ध्यान केंद्रित किया गया. इसमें खासतौर पर गर्भावस्था के पहले की बात की गई है. पत्रिका एनवायरमेंटल रिसर्च में प्रकाशित शोध के अनुसार इस समय सीमा (गर्भाधारण से तीन महीने पहले) के दौरान प्रदूषण का असर शुक्राणु और एग हेल्थ पर पड़ता है. अध्ययन में शंघाई के प्रसूति क्लीनिकों में भर्ती किए गए 5,834 मां-बच्चे के जोड़े शामिल थे.

यह भी पढ़ें: खूब पानी पीने के बाद भी नहीं साफ हो रहा पेट, तो गुनगुने पानी में ये चीज मिलाकर पिएं, सुबह निकल जाएगी पेट की सारी गंदगी

गर्भधारण से पहले के तीन महीने जरूरी

निष्कर्ष से पता चला कि गर्भावस्था से पहले पीएम 2.5, पीएम 10 और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के संपर्क में वृद्धि से बीएमआई या बीएमआईजेड बढ़ सकता है. दक्षिण कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (यूएससी) के कैक स्कूल ऑफ मेडिसिन में पोस्टडॉक्टरल अनुसंधान सहयोगी जियावेन लियाओ ने कहा, "हमने पाया कि गर्भधारण से पहले के तीन महीने जरूरी होते हैं और जो भी बच्चा प्लान कर रहे हैं, उन्हें अपने बच्चे में मोटापे के खतरे को कम करने के लिए प्रदूषित हवा से बचना चाहिए."

शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्भधारण से पहले की अवधि के दौरान पीएम2.5 के संपर्क का हाई लेवल दो साल की उम्र में बच्चे के बीएमआईजेड में 0.078 की वृद्धि के साथ जुड़ा था, जबकि पीएम10 के संपर्क का हाई लेवल बीएमआई में 0.093 किग्रा/एम2 की वृद्धि के साथ जुड़ा था. पाया गया कि, पैदा होने के छह महीने बाद ही बच्चे का वजन बढ़ गया था. ये वही बच्चे थे जिनकी मां गर्भधारण से पहले जहरीली हवा में सांस ले रही थीं.

यह भी पढ़ें: रात को बिस्तर में जान से पहले इस चीज में मिलाकर खा लें काली मिर्च, आप कल्पना नहीं कर सकते फिर जो होगा

Advertisement

बच्चों में मोटापे का रिस्क

कैक स्कूल में सहायक प्रोफेसर झांगहुआ चेन ने कहा, "हालांकि यह रिजल्ट छोटा है, लेकिन हर कोई आज वायु प्रदूषण के संपर्क में है. बच्चों के मोटापे का जोखिम काफी बड़ा हो सकता है और यह उनकी माताओं की गर्भावस्था से पहले शुरू हो सकता है."

शोधकर्ताओं ने कहा, "यह एक ऑब्जर्वेशनल शोध है. इसके जोखिम का पता लगाने के लिए और ज्यादा शोध की जरूरत है. निष्कर्ष बताते हैं कि लोग खुद को और अपने बच्चों को इस संभावित नुकसान से बचाने पर काम कर सकते हैं."

Advertisement

Watch Video: किन लोगों को होती है फैटी लिवर की बीमारी? डॉक्टर सरीन से जानिए...

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Rajasthan Transfer News: राजस्थान में दनादन सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर | Metro Nation @10