Breastfeeding: ब्रेस्टफीडिंग में Husbands ऐसे कर सकते हैं अपनी वाइफ की मदद...

Breastfeeding Care Tips: ब्रेस्टफीडिंग हर मां के लिए अलग और खूबसूरत अनुभव तो होता ही है, लेकिन इस दौरान कई तरह की मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है.

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Breastfeeding: नई मां को ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होती है घबराहट, पति कर सकते हैं हेल्प.

मातृत्व एक सुंदर अहसास है. गर्भ में अपने ही अंश को नौ महीनों तक सींचना और फिर उसे जन्म देना, ये सुख केवल औरत के हिस्से ही आता है. हालांकि जन्म के बाद बच्चे को पालने की जिम्मेदारी माता-पिता दोनों की होती है. मां-बाप दोनों मिलकर प्यार और दुलार के साथ बच्चों को बड़ा करते हैं. हालांकि एक जिम्मेदारी जो सिर्फ मां के हिस्से आती है, वो हैं ब्रेस्टफीडिंग. ब्रेस्टफीडिंग हर मां के लिए अलग और खूबसूरत अनुभव तो होता ही है, लेकिन इस दौरान कई तरह की मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है, ऐसे में सबसे अधिक जरूरी होता है आपके पार्टनर का साथ. जी हां, आपके पति भी ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आपकी मदद कर सकते हैं. कई बार नई मदर्स को स्तनपान कराने को लेकर संभावित चुनौतियों के बारे में घबराहट महसूस होती है. ऐसे में पार्टनर की ओर से भावात्मक और शारीरिक रूप से समर्थन मिलने पर डर कम होता है. ऐसा नहीं कि आप पुरुष हैं तो ब्रेस्टफीडिंग में आपका कोई रोल नहीं, पती भी इस प्रोसेस में एक अहम रोल निभाते है.


पति इस तरह कर सकते हैं ब्रेस्टफीडिंग में हेल्प-

  • ध्यान दें कि बच्चा भूखा तो नहीं. जब उसके दूध पीने का समय हो तो आप उसे मां के पास ले आएं.
  • बच्चों को सही पोजीशन में सुलाने में मदद करें, जिससे वह अच्छे से फीडिंग कर सके.
  • फीडिंग के बीच में पानी, टिश्यू का बॉक्स, कोल्ड कंप्रेस, फ्रेश नर्सिंग पैड्स, लैनोलिन क्रीम या कोई और जरूरी चीज लेकर आएं.
  • आप ब्रेस्टफीडिंग कराते वक्त अपनी पार्टनर के साथ ही रहें और देखें कि उन्हें किसी चीज की जरूरत तो नहीं.
  • पोजिशन चेंज करते वक्त ध्यान रखें कि आपकी पार्टनर को कुशन या किसी और चीज की जरूरत हो सकती है, ऐसे में आप उनकी मदद करें.
  • स्तनपान कराने के दौरान उत्साहजनक बातें करना. आपकी पार्टनर के स्तनपान कराने के निर्णय का समर्थन करना.


चूंकि मां बच्चे के पालन में बड़ी जिम्मेदारी निभाती है, ऐसे में उनके पति कुछ जिम्मेदारियों को अपने हिस्से कर उन्हें राहत दे सकते हैं. जैसे-

  • बच्चे के डायपर बदलना.
  • दूध पिलाने के बाद बच्चे को सुलाना.
  • भोजन और नाश्ता तैयार करना, बच्चे को दूध पिलाने के लिए मां का पौष्टिक भोजन लेना जरूरी है.
  • बच्चे को नहलाना.
  • बच्चे को आवश्यकतानुसार बोतल से दूध पिलाना.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है. 

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