Strength Training VS Cardio For Fat Loss : वजन घटाने के एम को पाने के लिए एक्सरसाइज़ के तरीके खास होते हैं, लेकिन अक्सर लोग यह डिसिज़न लेने में कन्फ्यूज्ड रहते हैं कि फेट लॉस के लिए कौन सा वर्कआउट सबसे ज्यादा असरदार है - कार्डियो या वेट ट्रेनिंग? दोनों के फायदे हैं, लेकिन सही चुनाव आपके टारगेट, फिजिकल कंडिशन और समय के आधार पर अलग-अलग हो सकता है. इस आर्टिकल में हम विस्तार से समझेंगे कि इन दोनों प्रकार के एक्सरसाइज़ में से कौन सा फेट लॉस में ज्यादा सहायक हो सकता है और क्या इन्हें एक साथ करना फायदेमंद हो सकता है?
कार्डियो और वेट ट्रेनिंग: एक कम्प्रेटिव एप्रोच | Strength training vs cardio for fat loss
जब बात फेट लॉस की आती है, तो हर व्यक्ति के शरीर की रिएक्शन अलग होता है, लेकिन आमतौर पर कार्डियो और वेट ट्रेनिंग के बीच क्या अंतर है आइए जानते हैं.
1. कार्डियो- तेजी से कैलोरी बर्न करना
कार्डियो वर्कआउट्स जैसे दौड़ना, साइकिल चलाना, तैरना और HIIT (हाई इंटेन्सिटी इंटरवल ट्रेनिंग) से आप एक ही सेशन में ज्यादा कैलोरी बर्न कर सकते हैं. कार्डियो एक्सरसाइज़ों का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपके दिल की धड़कन को बढ़ाता है और फिजिकल एनर्जी को तेजी से खर्च करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है. नियमित कार्डियो से आपके शरीर में जमा एक्स्ट्रा फेट तेजी से घटने लगता है और आपकी सेहत में भी सुधार होता है.
2. वेट ट्रेनिंग: लॉन्ग टर्म में कैलोरी बर्न करना
वेट ट्रेनिंग में, हालांकि एक सेशन के दौरान कैलोरी बर्न होने की दर कार्डियो के मुकाबले कम हो सकती है, लेकिन इसका फायदा लॉन्ग टर्म में ज्यादा होता है. वेट ट्रेनिंग से मांसपेशियों का निर्माण होता है और मसल्स रेस्ट करते समय भी कैलोरी बर्न करते हैं. इस कारण, जब आप वेट ट्रेनिंग करते हैं, तो आपका शरीर रिमेंनिंग टाइम में भी ज्यादा कैलोरी बर्न करता है. कई रिसर्च में यह पाया गया है कि वेट ट्रेनिंग के बाद 24-38 घंटे तक आपके मेटाबॉलिज्म की स्पीड बढ़ी रहती है, जिससे फेट लॉस के लिए एक लंबा समय तक ज्यादा कैलोरी बर्न होती रहती है.
3. कैलोरी का बैलेंस और डाइट की भूमिका
फेट लॉस के लिए किसी भी प्रकार के एक्सरसाइज़ के साथ सबसे जरूरी भूमिका आपकी डाइट की होती है. अगर आप सिर्फ वर्कआउट करते हैं, लेकिन आपका डाइट संतुलित नहीं है, तो फेट लॉस संभव नहीं हो पाता. रिसर्च से यह स्पष्ट होता है कि वेट ट्रेनिंग और कार्डियो दोनों को कम्बाइन करके अगर आप डाइट पर भी ध्यान दें, तो आपका वजन तेजी से घट सकता है. बिना सही डाइट के एक्सरसाइज़ का असर सीमित हो सकता है.
4. फेट लॉस डाइ VS वेट लॉस
यह समझना भी जरूरी है कि फेट लॉस और वेट लॉस अलग-अलग कॉन्सेप्ट हैं. वजन घटाने में मसल्स, पानी और फेट का भी समावेश हो सकता है, जबकि फेट लॉस सिर्फ फेट को कम करने की प्रोसेस को रिफ्लेक्ट है. यह ध्यान रखना जरूरी है कि शरीर में ज्यादा मसल्स का निर्माण न सिर्फ वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है. ऐसे में, वेट ट्रेनिंग आपको लंबे समय तक असरदार परिणाम दे सकती है.
किसे चुनें: कार्डियो या वेट ट्रेनिंग?
फेट लॉस के लिए यह निर्णय आपके पर्सनल टार्गेट पर निर्भर करता है. अगर आपका मुख्य उद्देश्य कैलोरी बर्न करने के लिए तुरंत और असरदार परिणाम हासिल करना है, तो कार्डियो एक बेहतर विकल्प हो सकता है. यह आपके शरीर में जमा फेट को जल्दी घटाने में मदद करेगा. वहीं, अगर आप लंबे समय तक अपने मेटाबॉलिज्म को सक्रिय रखना चाहते हैं और मसल्स का निर्माण करना चाहते हैं, तो वेट ट्रेनिंग ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है.
लेकिन, सबसे अच्छा तरीका यह हो सकता है कि आप दोनों प्रकार के एक्सरसाइज़ को एक साथ मिलाकर करें. कार्डियो से आप तुरंत कैलोरी बर्न करेंगे, जबकि वेट ट्रेनिंग से आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म एक्टिव रहेगा और आप लंबे समय तक फेट लॉस में मदद कर पाएंगे.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)