खराब गट हेल्थ का सीधा असर पड़ता है आपकी स्किन पर, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

आपकी स्किन कैसी है इसका सीधा कनेक्शन आपकी गट हेल्थ से जुड़ा हुआ होता है. अगर आपकी गट हेल्थ ठीक है तो इसका असर आपकी स्किन पर भी नजर आता है. बता दें कि अब इस मामले में एक ऐसी रिपोर्ट भी सामने आई है जिसमें विशेषज्ञों में बताया है कि कैसे आपकी स्किन में होने वाली समस्याएं आपके पेट से जुड़ी हुई होती हैं.

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आपकी स्किन पर दिखता है आपकी गट हेल्थ कैसी है.

आपकी स्किन कैसी है इसका सीधा कनेक्शन आपकी गट हेल्थ से जुड़ा हुआ होता है. अगर आपकी गट हेल्थ ठीक है तो इसका असर आपकी स्किन पर भी नजर आता है. बता दें कि अब इस मामले में एक ऐसी रिपोर्ट भी सामने आई है जिसमें विशेषज्ञों में बताया है कि कैसे आपकी स्किन में होने वाली समस्याएं आपके पेट से जुड़ी हुई होती हैं.

त्वचा और आंत की बढ़ती समस्याओं को लेकर डॉक्टरों ने लाइफस्टाइल और डाइट पर जोर दिया है. आंत का स्वास्थ्य स्किन के स्वास्थ्य के लिए बेहद अहम है क्योंकि आंत-त्वचा एक दूसरे से जुड़ी हैं. आंत माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है, जो त्वचा पर मुंहासे, एक्जिमा या रोसैसिया जैसी परेशानियां पैदा कर सकता है. आंत को हेल्दी बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जो स्किन की सूजन को कम कर सकती है और पूरी स्किन को हेल्दी बनाए रखने में मदद कर सकती है. हेल्दी बैक्टीरिया वाली आंतें खाना पचाने और शरीर को जरूरी पोषक तत्व देने में मदद करती हैं, जो स्किन की सेफ्टी लेयर को मजबूत बनाने का काम करती है.

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सीलिएक रोग (ग्लूटेन संवेदनशीलता) से जुड़ा डर्मेटाइटिस हर्पेटिफॉर्मिस एक ऐसा उदाहरण है जहां आंत का स्वास्थ्य सीधे त्वचा को प्रभावित करता है.अस्वस्थ आंत से बढ़ी हुई सूजन त्वचा की समस्याओं को बढ़ा सकती है, जिसमें सोरायसिस, रोसैसिया, मुंहासे और एक्जिमा शामिल हैं. मणिपाल हॉस्पिटल पुणे के एचओडी एवं मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. प्रसाद भाटे ने आईएएनएस को बताया, ''आंत का स्वास्थ्य त्वचा के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आंत के माइक्रोबायोटा में असंतुलन सूजन का कारण बन सकता है जो त्वचा संबंधी समस्याओं के रूप में प्रकट हो सकता है. आंतों को हेल्दी बनाए रखने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को रेगुलेट करने में मदद मिलती है जिससे त्वचा की सूजन कम हो सकती है और समग्र त्वचा की स्थिति में सुधार हो सकता है.''

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उन्होंने आगे कहा, ''डाइट आंत और स्किन दोनों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. फाइबर, प्रोबायोटिक्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड आइटम्स, जैसे कि दही, केफिर, पत्तेदार साग, जामुन, मेवे और मछली, आंत और त्वचा दोनों के स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं. ये फूड आइटम्स बैलेंस्ड आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद करते हैं और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो स्किन की नमी के साथ उसे स्वस्थ बनाए रखते हैं.''

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कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियां भी त्वचा की अभिव्यक्तियों से जुड़ी हैं, जिससे मुंहासे, रोसैसिया और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं आंत के स्वास्थ्य से जुड़ी होती है. आंत और स्किन के स्वास्थ्य के बीच रिलेशन इन स्किन से जुड़ी स्थितियों को रोकने या कम करने के लिए संतुलित आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है. आंत के स्वास्थ्य पर ध्यान देने से सूजन और प्रतिरक्षा-संबंधी त्वचा की समस्याओं को कम करना संभव है, जो शरीर की प्रणालियों के परस्पर संबंध को उजागर करता है.

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आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने में कई प्रकार के फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना और हाइड्रेटेड रहना शामिल है.ये कदम स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, जो त्वचा के लिए भी फायदेमंद है.
 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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