बच्चे को बोतल से दूध पिलाने से हो सकते हैं कई नुकसान, रहें सावधान

Bottle Feeding: अक्सर ब्रेस्ट फीडिंग में परेशानी आने पर न्यू मदर्स बच्चे को बॉटल फीडिंग कराने लगती हैं. इससे बच्चे को कई तरह की परेशानिया हो सकती है. यहां तक कि बच्चे के साथ रिलेशन पर भी पड़ सकता है असर.

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Disadvantages of Bottle Feeding: बच्चों को बोतल से दूध क्यों नहीं पिलाना चाहिए?
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न्यू मदर्स बेबी को बॉटल फीडिंग कराने में भूलकर भी न करें जल्दीबाजी.
यहां तक कि मां और बच्चे के रिलेशन पर भी असर पड़ सकता है.
मां का दूध बच्चे (Child) के लिए सबसे अच्छा होता है.

Disadvantages of bottle feeding: यह साबित हो चुका है कि मां का दूध बच्चे (Child) के लिए सबसे अच्छा होता है. अगर बच्चा समय से पहले जन्म लेता है तो मां का दूध बच्चे के लिए और भी जरूरी हो जाता है. यह बच्चे के इम्यून सिस्टम (Immune System) को मजबूत करने के साथ-साथ उसे तेजी से ग्रो करने में भी मदद करता है. मां का दूध आसानी से पचने, बच्चे के विकास (Child Health) के लिए सभी आवश्यक पोषण और इंफेक्शन से बचाने में सबसे बेहतर होता है. एक्सपर्ट बच्चे को जन्म के पहले घंटे के भीतर यानी 'गोल्डन ऑवर' में मां का दूध पिलाने की सिफारिश करते हैं. अक्सर ब्रेस्ट फीडिंग में परेशानी आने पर न्यू मदर्स बच्चे को बॉटल फीडिंग कराने लगती हैं. इससे बच्चे को कई तरह की परेशानिया हो सकती है. यहां तक कि मां और बच्चे के रिलेशन पर भी असर पड़ सकता है. आइए जानते हैं न्यू मदर्स को क्यों बच्चे को बोतल से दूध पिलाने से बचना चाहिए. न्यू मदर्स बेबी को बॉटल फीडिंग कराने में  भूलकर भी न करें जल्दीबाजी.

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बोतल फीडिंग के नुकसान | बच्चों को बोतल से दूध पिलाने के साइडइफेक्ट्स (Disadvantages of Bottle Feeding)

बच्चे को हो सकता है निप्पल कंफ्यूजन :

न्यू बॉर्न बेबी को पहले महीने में बोतल से दूध पिलाने से बचना चाहिए. इससे बच्चे को निप्पल कंफ्यूजन हो सकता है. ब्रेस्ट और बोतल से चूसने की तकनीक अलग-अलग होती है. बोतल दूध पीना आसान और तेज़ होता है. इससे बच्चा ब्रेस्ट की जगह बोतल से दूध पीना पसंद करने लगते हैं और ब्रेस्ट फीडिंग से इनकार करने लगते हैं.

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इंफेक्शन का खतरा

बोतल से दूध पिलाने से बच्चों इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. इससे बच्चे को डायरिया हो सकता है. बोतल की साफ सफाई को ठीक रखना भी एक चुनौती होती है. ऐसे में बेबी को बॉटल फीडिंग की जगह ब्रेस्ट फीडिंग करवाना अच्छा है.

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मां और बच्चे के रिश्ते पर असर

ब्रेस्ट फीडिंग से मां और बच्चे के बीच गहरा रिश्ता बनता है. बेबी को बहुत जल्दी बॉटल फीडिंग करवाने से दोनों के बीच सहज और गहरा रिश्ता पनप नहीं पाता है. इसका असर आगे चल कर सामने आ सकता है.

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रखें ये सावधानी

बच्चे को दूध पिलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. हमेशा ध्यान रखें कि ब्रेस्ट से बच्चे की नाक बंद न हों. इसके साथ ही सोते हुए बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग नहीं करवानी चाहिए. दूध पिलाते समय बच्चा जागा हुआ और शांत होना चाहिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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