हर्बल दवा का अधिक मात्रा में सेवन करना है खतरनाक! जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

Ayurveda Medicine Side Effects: कुछ आयुर्वेदिक औषधियों में धातु या खनिज तत्व होते हैं, जो सही मात्रा में लेने पर अत्यंत प्रभावी होते हैं, लेकिन यदि अधिक मात्रा में लिए जाएं तो यकृत (लिवर), गुर्दे (किडनी) या अन्य अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Herbal Medicines: दवाओं का सेवन एक निर्धारित मात्रा और अवधि में करने की सलाह दी जाती है

Ayurvedic Medicine Side Effects Or Not: आयुर्वेद को लेकर कई सारे मिथ हैं, जिनमें से एक यह भी है कि औषधि की अधिक मात्रा में सेवन कर किसी भी बीमारी से जल्दी छुटकारा पाया जा सकता है. बहुत सारे लोग ऐसा करते भी हैं, क्योंकि उनका मानना है कि आयुर्वेदिक औषधियों का साइड इफेक्ट नहीं होगा, लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि किसी भी औषधि का आवश्यकता से अधिक मात्रा में सेवन आपके लिए नुकसानदायक ही होता है. आयुर्वेद सहित सभी आयुष प्रणालियों में दवाओं का सेवन एक निर्धारित मात्रा और अवधि में करने की सलाह दी जाती है, और यह काम केवल एक योग्य एवं पंजीकृत चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिए.

आयुर्वेद एक समग्र चिकित्सा पद्धति है, जिसमें केवल रोग का उपचार ही नहीं, बल्कि शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को बनाए रखना भी आवश्यक माना गया है. इसमें हर व्यक्ति की प्रकृति (दोष), जीवनशैली, आहार और वातावरण के अनुसार दवा निर्धारित की जाती है. यही कारण है कि किसी भी दवा की मात्रा, समय और अवधि अत्यंत सावधानीपूर्वक निर्धारित की जाती है. यदि इन निर्देशों का उल्लंघन किया जाए तो लाभ के स्थान पर हानि हो सकती है.

ये भी पढ़ें- 2 साल से छोटे बच्चे को न दें खांसी की दवाई, क्या है सरकार की नई Advisory| खांसी के घरेलू उपाय

उदाहरण के लिए, कुछ आयुर्वेदिक औषधियों में धातु या खनिज तत्व होते हैं, जो सही मात्रा में लेने पर अत्यंत प्रभावी होते हैं, लेकिन यदि अधिक मात्रा में लिए जाएं तो यकृत (लिवर), गुर्दे (किडनी) या अन्य अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं. इसी प्रकार, कुछ जड़ी-बूटियों का अत्यधिक सेवन एलर्जी, अपच, रक्तचाप असंतुलन या अन्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है. इसलिए यह समझना जरूरी है कि प्राकृतिक या हर्बल दवा का मतलब यह नहीं कि वह पूरी तरह सुरक्षित है और किसी भी मात्रा में ली जा सकती है.

एक योग्य आयुष चिकित्सक रोगी की अवस्था, आयु, वजन, प्रकृति और रोग की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए दवा की मात्रा और अवधि तय करता है। इसलिए यह आवश्यक है कि कोई भी व्यक्ति स्वयं से दवा न ले और न ही दूसरों के अनुभव के आधार पर दवा की मात्रा बढ़ाए. सही मात्रा में और सही समय पर ली गई दवा ही सुरक्षित और प्रभावी होती है.

ये भी पढ़ें- बदलते मौसम में बढ़ता है बैक्टीरियल निमोनिया का खतरा, यहां जानें बचाव के आसान तरीके

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
India vs Pakistan Women ODI World Cup Breaking News: भारत ने पाकिस्तान को 88 रनों से हराया