महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है शतावरी, जानें फायदे

शतावरी महिलाओं के हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करती है. जो महिलाएं पीसीओएस से परेशान हैं, उनके लिए यह बहुत असरदार है. यह ओवरी में सिस्ट बनने की प्रक्रिया को धीमा करती है और मुहांसे, चेहरे के बाल जैसी समस्याओं को भी कम करती है.

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गर्भवती महिलाओं के लिए शतावरी बेहद फायदेमंद मानी जाती है.

Shatavari ke fayde : शतावरी आयुर्वेद की एक बहुत महत्वपूर्ण औषधि है. खासकर महिलाओं के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है. आज के समय में ज्यादातर महिलाएं पीसीओएस, अनियमित पीरियड्स, हार्मोनल असंतुलन और प्रजनन से जुड़ी दिक्कतों से जूझ रही हैं. ऐसे में शतावरी उनके लिए बहुत लाभदायक है. संस्कृत में शतावरी का अर्थ है 'सौ पतियों वाली', यानी ऐसी स्त्री जो हमेशा स्वस्थ, सुंदर और प्रजननक्षम बनी रहे.

यही कारण है कि इसे आयुर्वेद में महिलाओं की रानी औषधि कहा गया है. यह पौधा झाड़ीदार होता है और इसकी जड़ सबसे ज्यादा औषधीय गुणों से भरपूर होती है. यह शीतल, पौष्टिक, पित्त-वात शामक और शरीर को ताकत देने वाली होती है.

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शतावरी महिलाओं के हार्मोन को बैलेंस करता है

शतावरी महिलाओं के हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करती है. जो महिलाएं पीसीओएस से परेशान हैं, उनके लिए यह बहुत असरदार है. यह ओवरी में सिस्ट बनने की प्रक्रिया को धीमा करती है और मुहांसे, चेहरे के बाल जैसी समस्याओं को भी कम करती है.

अनियमित पीरियड्स में यह मासिक चक्र को नियमित करने में मदद करती है, गर्भाशय को पोषण देती है और पीरियड्स के दर्द व ब्लीडिंग ज्यादा होने में राहत पहुंचाती है. गर्भधारण में दिक्कत हो तो शतावरी ओव्यूलेशन सुधारकर गर्भाशय को स्वस्थ रखती है, जिससे प्रजनन क्षमता बढ़ती है.

गर्भवती महिलाओं के लिए शतावरी है फायदेमंद

गर्भवती महिलाओं के लिए शतावरी बेहद फायदेमंद मानी जाती है. यह मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों को जरूरी पोषण देती है और मॉर्निंग सिकनेस या यूटरस की सिकुड़न में राहत देती है. यही नहीं, यह स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भी वरदान है. शतावरी मां के दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों बढ़ाती है.

तनाव कम करता है

इसके अलावा शतावरी तनाव कम करती है, नींद बेहतर बनाती है, कामेच्छा बढ़ाती है और रजोनिवृत्ति के समय महिलाओं को हार्मोनल बदलाव से राहत देती है. इसे चूर्ण, गोली, कल्प या काढ़े के रूप में लिया जा सकता है. आमतौर पर 3 से 5 ग्राम शतावरी चूर्ण को दूध के साथ रोज लिया जाता है. हालांकि इसका सेवन हमेशा डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य की सलाह से ही करना चाहिए, क्योंकि ज्यादा मात्रा में लेने से हार्मोनल ओवरस्टिमुलेशन हो सकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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