एम्स ने तैयार किया कमाल का ब्रेन का गूगल मैप, छात्रों को सर्जरी सिखाने में मददगार

न्यूरो सर्जरी के डॉक्टरों ने ब्रेन के 8 सिमुलेटर तैयार किए हैं. इससे उन स्टूडेंट्स को सीखने सिखाने में सहूलियत मिल रही है, जिनकी ट्रेनिंग एम्स में होती है. ब्रेन की सर्जरी में दक्षता हासिल करने को लेकर तरह तरह के सिमुलेटर तैयार किए गए.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
न्यूरो सर्जरी के डॉक्टरों ने ब्रेन के 8 सिमुलेटर तैयार किए हैं.

किसी भी नई जगह जाने के लिए हम सबसे पहले गूगल मैप खोलते हैं. कहीं जाना हो तो इस ऐप का ही ख्याल आता है, लेकिन क्या आप कल्पना भी कर सकते हैं कि आपके दिमाग का गूगल मैप बन सकता है. ऐसा ही कुछ नई दिल्ली, एम्स में हो रहा है. यहां न्यूरो सर्जरी के डॉक्टरों ने ब्रेन के 8 सिमुलेटर तैयार किए हैं. इससे उन स्टूडेंट्स को सीखने सिखाने में सहूलियत मिल रही है, जिनकी ट्रेनिंग एम्स में होती है. ब्रेन की सर्जरी में दक्षता हासिल करने को लेकर तरह तरह के सिमुलेटर तैयार किए गए. इस पूरे मामले में एनडीटीवी ने एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर विवेक टंडन से बातचीत की और उनकी इस खोज के बारे में जाना.

सीखने का सरल तरीका

डॉक्टर विवेक टंडन ने बताया कि पहले जमाने में स्टूडेट्स को सर्जरी के बारे में सिखाने का सिर्फ एक तरीका होता था कि स्टूडेंट टीचर के साथ खड़े होकर सर्जरी सीखें और फिर जब वह सीख जाते थे तो छोटी सर्जरी करते थे और फिर धीरे-धीरे आगे पढ़ते थे, जिसमें काफी लंबा समय लगता था. लेकिन इस सिमुलेटर्स की मदद से स्टूडेंट्स को सर्जरी से जुड़ी बारीकियां सिखाने में आसानी हो रही है. बिना पेशेंट के ऊपर काम किए इनके जरिए वह सर्जरी करना सीख पा रहे हैं.

AIIMS ने तैयार किया ब्रेन का गूगल मैप, सर्जरी सिखाने में मिल रही है मदद

इस तरह हुई शुरुआत

डॉ टंडन ने कहा कि कोविड के दौरान उन्हें जरूरत महसूस हुई कि ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए. ढेरों स्टूडेट्स हैं, ऐसे में सभी को सही समय पर मौका नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में उन्होंने छात्रों और डॉक्टर्स की टीम के साथ मिल कर सिमुलेटर्स बनाया. पहले खुद इन पर काम किया और त्रुटियों को सुधारा और फिर स्टूडेंट्स को सीखने का मौका दिया.

दक्षता हासिल करना हुआ आसान

आगे डॉक्टर ने बताया कि अलग-अलग प्रोसेस को सीखने के लिए उनके पास अलग-अलग तरीके से डिजाइन किया हुआ सिमुलेटर है. जैसे सूचरिंग प्रैक्टिस, एंडोस्कोपी या स्पाइन एंडोस्कोपी, एल्ट्रासोनोग्राफी के लिए अलग-अलग सिमुलेटर हैं. ये मॉडल्स होते हैं, जिनके जरिए अलग-अलग प्रोसीजर्स प्रैक्टिस किए जा सकते हैं. इनसे एक और सहूलियत ये है कि टीचर, स्टूडेंट्स को यहीं उनकी गलतियां समझा देते हैं, ऐसे में जब वह सच में किसी पेशेंट की सर्जरी करते हैं को गलतियां करने से बच सकते हैं.

कीमोथेरेपी क्या है, कैसे होती है, डॉ. से जानें | What is Chemotherapy | Chemotherapy Kaise Hoti Hai

Advertisement

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Bareilly Violence पर बड़ा एक्शन | 250 करोड़ की संपत्ति जब्त, 81 Arrest | Breaking News | Top News