Zolgensma Injection: हर किसी को लगता है कि बीमारी का इलाज दवा, इंजेक्शन या ऑपरेशन से हो जाता है, लेकिन जब बात आती है कुछ दुर्लभ, जीन से जुड़ी बीमारियों की तो इलाज सिर्फ एक इंजेक्शन भी पूरी जिंदगी बदल सकता है. आज हम बात करेंगे ऐसी ही बीमारी के बारे में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy (SMA) और उस इंजेक्शन की, जिसकी कीमत सुनकर रूह कांप जाए. क्या है स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA), किस वजह से होती है ये बीमार, इसके लक्षण क्या हैं और इसका इलाज इतना महंगा क्यों है? आइए जानते हैं.
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स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) क्या है?
SMA एक जेनेटिक (अनुवांशिक) न्यूरो-मस्कुलर डिजऑर्डर है. इसमें शरीर की मांसपेशियों (Muscles) को संदेश भेजने वाली नसें, यानी मोटर न्यूरॉन्स सही तरीके से काम नहीं करतीं. आमतौर पर हर इंसान के पास एक हेल्थ जीन होता है, जिसे कहते हैं SMN1 जीन, जो मोटर न्यूरॉन्स के जीवित रहने और कार्य करने के लिए जरूरी प्रोटीन बनाता है. लेकिन, SMA वाले बच्चों/व्यक्तियों में यह जीन या तो खराब होता है या पूरी तरह गायब. जिसकी वजह से मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर होती जाती हैं, हाथ-पैर ठीक से हिलते नहीं, बैठना-खड़ा होना मुश्किल हो जाता है और सांस लेने, खाने–पीने जैसे बुनियादी काम भी प्रभावित हो सकते हैं.
SMA की तीव्रता अलग-अलग हो सकती है कुछ बच्चों में जन्म के तुरंत बाद लक्षण दिख जाते हैं, तो कुछ में धीरे-धीरे परेशानी होती है:
SMA के लक्षण, शुरुआती पहचान कितनी जरूरी है? | Symptoms of SMA, How Important is Early Detection?
- बच्चा आमतौर पर तय उम्र में बैठना, घुटनों के बल चलना या खड़ा होना नहीं सीख पाता.
- हाथ-पैर की मांसपेशियों में कमजोरी; झटके और थकान जल्दी.
- सिर को कंट्रोल करना, पकड़ना या उठाए रखना मुश्किल.
- सांस लेने, निगलने या खांसने में दिक्कत.
- डिवेलपमेंट माइलस्टोन (जैसे बैठना, चलना) में देरी.
अगर ऐसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए, क्योंकि समय पर डायग्नोसिस और इलाज बच्चे की जिंदगी बदल सकता है.
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कौन-कौन से इलाज उपलब्ध हैं? और 9 करोड़ क्यों?
पिछले कुछ सालों में मेडिकल साइंस ने ऐसी जीन थैरेपी विकसित की है, जिसने SMA जैसे जेनेटिक रोगों का इलाज करना संभव बना दिया. इस थैरेपी का नाम है Zolgensma यह एक बार देने वाला इंजेक्शन है, जो शरीर को वह स्वस्थ SMN1 जीन देता है, जो पहले गायब या खराब था. इस तरह मांसपेशियों की ताकत लौट सकती है और Motor Neurons फिर से काम कर सकते हैं. लेकिन, यही इंजेक्शन वाकई दुनिया का सबसे महंगा माना जाता है. भारत में एक डोज की कीमत लगभग 9 करोड़ है.
इतनी भारी कीमत के पीछे कई कारण क्या हैं?
- जीन थैरेपी विकसित करना बहुत महंगा होता है, रिसर्च, क्लिनिकल ट्रायल, नियामकीय मंजूरी, जटिल उत्पादन प्रक्रिया आदि.
- SMA जैसी बीमारियां दुर्लभ होती हैं, मतलब मरीजों की संख्या कम, इसलिए लागत ज्यादा होती है.
- भारत में यह दवा आयात करनी पड़ती है, कस्टम, लॉजिस्टिक, अस्पताल की सुविधाएं, विशेष देखभाल आदि मिलाकर कुल खर्च बढ़ जाता है.
- इंजेक्शन देने के बाद भी अस्पताल में निगरानी, देखभाल और अन्य कम खर्चीले इलाजों की जरूरत होती है.
क्या हर SMA मरीज को Zolgensma मिल सकता है? | Can every SMA patient get Zolgensma?
नहीं. यह थैरेपी हर मरीज के लिए संभव नहीं होती, मुख्य रूप से उन बच्चों के लिए है, जिनकी उम्र दो साल से कम है. इसके अलावा, भारत में यह थैरेपी ज्यादातर निजी अस्पतालों में उपलब्ध होती है और अक्सर इसे पाने के लिए क्राउडफंडिंग, चैरिटी या कुछ खास सहायता की जरूरत पड़ती है.
SMA एक भयानक बीमारी है. लेकिन, आज जीन थैरेपी और मॉडर्न मेडिकल साइंस ने यह साबित कर दिया है कि जेनेटिक दोष को भी ठीक किया जा सकता है. यह उस बच्चों और परिवारों के लिए जिन्दा रहने, खेलने-बढ़ने और सामान्य जीवन जीने की उम्मीद लेकर आता है.
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