मौसम बदलने के दौरान हो जाती हैं ये 10 हेल्थ प्रोब्लम्स, बचने के लिए अपनाएं ये कारगर उपाय

अच्छी हाइजीन अपनाकर, बार-बार हाथ धोकर, बीमार लोगों के निकट संपर्क से बचें और मौसमी फ्लू का टीका लगवाकर इन बीमारियों से लड़ें.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
पतझड़ के दौरान मौसम में बदलाव के कारण आपको सर्दी और खांसी होने की ज्यादा संभावना हो सकती है.

मौसम में बदलाव हमारी हेल्थ को इफेक्ट कर सकता है, हालांकि हर किसी पर असर अलग-अलग हो सकता है और हर किसी को इन समस्याओं का अनुभव नहीं हो सकता है. इन स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानकारी होने से आपको इन्हें बेहतर तरीके से रोकने और इनसे पूरी तरह बचने में मदद मिल सकती है. पढ़ते रहें क्योंकि हम यहां कुछ सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं की एक लिस्ट बना रहे हैं जो पतझड़ में मौसम में बदलाव के साथ हो सकती हैं.

मौसम में बदलाव के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं

1. मौसमी एलर्जी

गर्मी से पतझड़ तक संक्रमण से परागकण, फफूंद बीजाणु और रैगवीड बढ़ सकते हैं, जिससे एलर्जी हो सकती है. मौसम में बदलाव के दौरान आउटडोर एक्टिविटीज से बचकर, खिड़कियां बंद रखकर, एयर प्यूरिफायर का उपयोग करके और अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार एंटीहिस्टामाइन लेकर एलर्जी से लड़ें.

2. अस्थमा अटैक

पतझड़ के दौरान ठंडी हवा और बढ़ता रेस्पिरेटरी इंफेक्शन अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता है. सांस लेने वाली हवा को गर्म करने के लिए स्कार्फ या मास्क का उपयोग करके, फ्लू का टीका लगवाकर और इन्हेलर का उपयोग करके अस्थमा के हमलों को रोकें.

ये भी पढ़ें; फेस्टिवल में पाचन को खराब कर सकता है आपका खानपान, इस सीजन डाइट में पहले से ही शामिल कर लें ये 6 चीजें

3. सर्दी और फ्लू

बदलता मौसम इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है, जिससे लोग सर्दी और फ्लू को लेकर सेंसिटिव हो जाते हैं. अच्छी हाइजीन अपनाकर, बार-बार हाथ धोकर, बीमार लोगों के निकट संपर्क से बचें और मौसमी फ्लू का टीका लगवाकर इन बीमारियों से लड़ें.

4. सीजनल डिप्रेशन

जैसे-जैसे दिन छोटे होते जाते हैं और धूप कम होती जाती है, कुछ व्यक्तियों को सीजनल डिसऑर्डर (एसएडी) या मूड में बदलाव का अनुभव हो सकता है. सीजनल डिप्रेशन से निपटने के लिए घर से बाहर दिन के उजाले में रहना, नियमित रूप से व्यायाम करना, हेल्दी स्लीप रूटीन बनाए रखना चाहिए.

Advertisement

ये भी पढ़ें: रोज सुबह टॉयलेट जाने से पहले खाली पेट चबा लें ये पत्ता, शौच के रास्ते निकल जाएगी सारी पेट की गंदगी, कब्ज से मिलेगा छुटकारा

5. ड्राई स्किन

ठंडा मौसम ड्राई और फटी हुई त्वचा का कारण बन सकता है. मॉइस्चराइजर का उपयोग करके, गर्म पानी से नहाने से बचें, ह्यूमिडिफायर का उपयोग करके और खूब सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहकर ड्राई से लड़ें.

Advertisement

6. जोड़ों का दर्द

बैरोमीटर के दबाव और तापमान में बदलाव से जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है, खासकर गठिया से पीड़ित लोगों में. एक्टिव रहकर, कम प्रभाव वाले व्यायाम करके, दवाएं या सप्लीमेंट लेकर जोड़ों के दर्द से लड़ें.

7. मौसमी माइग्रेन

मौसम में बदलाव, जैसे ह्यूमिडिटी में बदलाव, सेंसिटिव व्यक्तियों में माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है. ट्रिगर्स से बचकर, स्ट्रेस मैनेजमेंट तकनीकों को फॉलो करें, पर्याप्त नींद लेकर और निर्धारित दवाएं लेकर माइग्रेन का मुकाबला करें.

Advertisement

ये भी पढ़ें: बाल झड़ने से गंजी हो गई है खोपड़ी तो कर लीजिए ये 5 काम, नहीं झड़ेगा एक भी बाल, उगने लगेंगे नए Hair

8. मूड बदलना

कुछ लोगों को हार्मोनल बदलाव के कारण पतझड़ के दौरान मूड में बदलाव और चिड़चिड़ापन का अनुभव हो सकता है. नियमित नींद का शेड्यूल बनाए रखकर, बैलेंस डाइट खाकर, जरूरी हो तो प्रियजनों या प्रोफेशनल्स से सहायता मांगकर मूड स्विंग का मुकाबला करें.

Advertisement

9. मौसमी वजन बढ़ना

ठंडे मौसम और छुट्टियों के मौसम के दौरान फिजिकल एक्टिविटी में कमी वजन बढ़ने में योगदान कर सकती है. एक्टिव रहकर, हेल्दी डाइट बनाए रखकर, पोर्शन कंट्रोल का अभ्यास करके मौसमी वजन बढ़ने से लड़ें.

10. दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ना

अंधेरी सुबह और शाम, कोहरे की स्थिति और गीली सतहों से गिरने और कार दुर्घटना जैसी दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है. अच्छी रोशनी और हाई विजिबिलिटी वाले कपड़ों का उपयोग करके, सावधानीपूर्वक और रक्षात्मक रूप से गाड़ी चलाकर और फिसलन की स्थिति वाले क्षेत्रों में सतर्क रहकर इस जोखिम का मुकाबला करें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Allu Arjun News: Telugu Superstar का सड़क से सदन तक विरोध
Topics mentioned in this article