Haryana:हरियाणा के करनाल (Karnal city of Haryana)में किसानों का धरना लंबा चल सकता है .बुधवार को प्रशासन के साथ किसान नेताओं की बातचीत असफल रही थी, आज प्रशासन ने बातचीत का कोई न्योता नहीं दिया है. करनाल के धरना स्थल पर गुरुवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी मौजूद रहे, हालांकि राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव आज धरना स्थल पर नजर नही आए. NDTV से बातचीत में गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने आंदोलन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बात की. उन्होंने कहा, प्रशासन की तरफ से आज बातचीत के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला है.
चढ़ूनी ने कहा कि किसान संघर्ष समिति हमारे साथ है और हम लंबा धरना चलाने के लिए तैयार हैं. इस धरने से सरकार को नुकसान होगा. गौरतलब है कि किसानों की बुधवार को राज्य सरकार के साथ बातचीत लगातार दूसरे दिन बेनतीजा रही थी. किसान नेता राकेश टिकैत ने कल कहा था, 'हम सिंघु और टिकरी बॉर्डर की तरह यहा लंबा प्रदर्शन कर सकते हैं.' टिकैत ने बताया कि हमारी आज प्रशासन के साथ 3 घंटे मीटिंग हुई. सरकार SDM(आयुष सिन्हा) पर कोई भी कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है, ऐसे में हमने तय किया है कि हमारा धरना प्रदर्शन जारी रहेगा, हमारा धरना स्थल यही रहेगा. हम चाहते हैं कि अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई हो.
इस बीच, गुरुवार को हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने कहा है कि पूरी करनाल घटना, 28 अगस्त को किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज और सिविल सेवा अधिकारी आयुष सिन्हा के 'सिर तोड़ने (किसानों के)' के कमेंट सहित, की जांच की जाएगी. विज ने गुरुवार को कहा, 'हम करनाल घटना की जांच करेंगे...केवल आयुष सिन्हा नहीं. हम अधिकारियों को जांच के बगैर सजा नहीं दे सकते.' उन्होंने यह भी कहा, 'यदि किसान नेता दोषी पाए गए तो हम उनके खिलाफ भी एक्शन लेंगे.' किसानों ने दावा किया है कि लाठीचार्ज के कारण उनके एक साथी की मौत हो गई जबकि करीब 10 सहयोगी घायल हो गए.
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