जर्मनी का नॉकआउट में न पहुंच पाना अभी तक का सबसे बड़ा उलटफेर रहा
खास बातें
- रूस और इंग्लैंड ने आठ-आठ गोल किए
- सबसे अटैकिंग टीम साबित हुई बेल्जियम
- सबसे फिसड्डी टीम रही पनामा अभी तक
नई दिल्ली: रूस में खेले जा रहे फीफा विश्व कप से जुड़ी कई जानकारियां हमने आपको दी हैं. अलग-अलग जानकारियां. रिकॉर्ड और खिलाड़ियों के बारे में जानकारियां. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं ग्रुप स्टेज तक खेले गए मुकाबले में साबित हुई सबसे अटैकिंग और सबसे कमजोर टीमों के बारे में . यह हम आपको गोलों की संख्या के आधार पर बताएंगे इस लिहाज से शीर्ष चार में से चौथे नंबर पर स्पेन रही, तो सबसे कमजोर टीमों के लिहाज से चार में चौथा नंबर रहा मिस्र का.
चलिए सबसे पहले हम आपको ताकतवर मतलब अटैकिंग टीमों के बारे में बात कर लते हैं. स्पेन चौथी ऐसी टीम रही, जिसका आक्रमण सबसे उम्दा रहा, स्पेन ने ग्रुप स्टेज में छह गोल किए. वहीं, संयुक्त रूप से दूसरा स्थान हासिल किया है रूस और इंग्लैंड ने. इन दोनों ने मिलकर टूर्नामेंट में नॉकआउट चरण से पहले तक आठ गोल किए, तो क्रोएशियाई टीम सात गोलों के साथ तीसरी सबसे अटैकिंग टीम रही. वहीं, सबसे कमजोर टीम में चौथे नंबर पर मिस्र रही.
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मिस्र ग्रुप स्टेज में छह गोल खाने वाली टीम रही. उसके बाद सात गोलों के साथ सऊदी अरब तीसरे, 8 गोलों के साथ ट्यूनीशिया दूसरे नंबर पर रही. इन टीमों का डिफेस सबसे कमजोर रहा. विरोधी टीमों ने इन पर लगातार हमले बोले. और इन टीमों के डिफेंडर और गोलची अपने ऊपर ऊपर गोल होते देखते रहे.
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विश्व कप में हिस्सा ले रहीं 32 टीमों में सबसे ज्यादा अटैकिंग टीम बेल्जियम की रही, जिसने एक के बाद 9 गोल किए, तो वहीं पनामा का डिफेंस सबसे कमजोर साबित हुआ. पनामा ने ग्रुप स्टेज तक 11 गोल खाए.