Bhadrapada Ganesh Chaturthi 2023: संतान की सलामती के लिए माताएं करती हैं श्री गणेश जी का ये व्रत, जानिए गणपति को लगाना चाहिए किस मिठाई का भोग

Bhadrapada Ganesh Chaturthi 2023: माना जाता है कि इस व्रत को करने से श्री गणेश प्रसन्न होते हैं और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है. आइए जानते हैं कि इस साल भादो गणेश चतुर्थी का व्रत कब रखा जाएगा और इस दिन की पूजा विधि और भोग क्या हैं.

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Bhadrapada Ganesh Chaturthi 2023: इस विधि से करें भाद्रपद चतुर्थी का व्रत, जान ले भोग रेसिपी.

Bhadrapada Ganesh Chaturthi 2023: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha) की चतुर्थी तिथि के दिन हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी (Bhadrapada Ganesh Chaturthi 2023) का व्रत रखा जाता है. भादो के चौथ (Bhado ki chauth) का व्रत माताएं अपनी संतान की सलामती और उनकी लंबी उम्र के लिए करती हैं. साथ ही माना जाता है कि इस व्रत को करने से श्री गणेश प्रसन्न होते हैं और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है. आइए जानते हैं कि इस साल भादो गणेश चतुर्थी का व्रत कब रखा जाएगा और इस दिन की पूजा विधि और भोग क्या हैं.

क्‍या होती है भादो की चौथ (Bhado ki Chauth)

Bhadwa ki Chauth: भादो के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को बहुला चतुर्थी या बहुला चौथ कहा जाता है. इस तिथि पर गणेशजी का पूजन किया जाता है. लेकिन क्‍या आप जानते हैं इस मौके पर भगवान कृष्ण और गाय माता की पूजा भी की जाती है. मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण और गणेशजी की विधि विधान से पूजा करने पर निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है.

भाद्रपद चतुर्थी 2023 तिथि कब है और पूजा विधि (When is Bhadrapada Ganesh Chaturthi 2023 Puja Vidhi)

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 2 सितंबर की रात 8:49 से हो रही है और  3 सितंबर शाम 6:24 तक चतुर्थी तिथि रहेगी. उदया तिथि होने की वजह से हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी व्रत 3 सितंबर को रखा जाएगा.

संकष्टी चतुर्थी और बहुला चतुर्थी का व्रत 03 सितंबर 2023 को रखा जाएगा. इस दिन रविवार होगा. इस खास दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग और वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है. इसलिए इसे पूजा के लिए बेहद ही अच्छा माना जा रहा है.

भाद्रपद चतुर्थी 2023 तिथि और पूजा विधि (Bhadrapada Ganesh Chaturthi 2023 Puja Vidhi)

  • इस दिन श्री गणेश की पूजा की जाती है और फिर चांद को अर्घ्य देते हैं. 
  • दिन भर महिलाएं निराहार रहकर इस व्रत को करती हैं.
  • शाम के वक्त गणेश की प्रतिमा स्थापित कर उन्हें फूल, पांच तरह के फल, नारियल, पान, सुपारी, दही, दूध, शहद, इत्र, सिंदूर, अक्षत और चंदन चढ़ाएं.
  • इस दिन भगवान को मोतीचूर के लड्डू चढ़ाने चाहिए.

भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी 2023: मोतीचूर के लड्डू की रेसिपी (Bhadrapada Sankashti Chaturthi 2023: Motichoor laddu Bhog)

मोतीचूर के लड्डू बनाने के लिए आपको

  • बेसन
  • केसर
  • इलायची
  • चीनी
  • घी
  • खीरे के बीच चाहिए.

मोतीचूर के लड्डू की विधि

1. सबसे पहले बेसन का घोल तैयार करें.

2. बेसन में पानी मिलाकर कर गाढ़ा सा घोल बनाएं.

3. अब बूंदी बनाने वाले सांचे में डालकर, बूंदी तल लें.

4. दूसरी तरफ चीनी, पानी और केसर डालकर चाशनी तैयार करें और इसमें बूंदी और इलायची कूट कर डाल दें.

5. अब इस मिश्रण से छोटे-छोटे हिस्से लेकर हथेलियों से दबाकर लड्डू तैयार करें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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