चांदी, तांबा या कांसा...पानी पीने के लिए कौन-सा बर्तन है सबसे ज्यादा फायदेमंद?

हमारे घरों में इस्तेमाल होने वाले बर्तन हमारे ग्रह और स्वास्थ्य दोनों से जुड़े होते हैं. आमतौर पर लोगों के बीच यही धारणा है कि सिर्फ तांबे और मिट्टी के बर्तन में पानी पीना शरीर के पूरे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर में इस्तेमाल होने वाले अलग-अलग धातु के बर्तन का इस्तेमाल हमारी सेहत पर अलग-अलग असर डालता है.

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किस धातु के बर्तन में पानी पीना है ज्यादा फायदेमंद.

हमारे घरों में इस्तेमाल होने वाले बर्तन हमारे ग्रह और स्वास्थ्य दोनों से जुड़े होते हैं. आमतौर पर लोगों के बीच यही धारणा है कि सिर्फ तांबे और मिट्टी के बर्तन में पानी पीना शरीर के पूरे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर में इस्तेमाल होने वाले अलग-अलग धातु के बर्तन ग्रहों की चाल को भी प्रभावित करते हैं? ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक अलग-अलग धातु के बर्तन का इस्तेमाल या गिलास में पानी पीने से ग्रहों की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है. आइए जानते हैं कैसे ये अलग-अलग धातु के बर्तन आपकी सेहत और ग्रहों पर कैसा प्रभाव पड़ता है. 

चांदी के गिलास में पानी पीने के फायदे

चांदी के गिलास में पानी पीने से पेट से और मन से जुड़े विकार कम होते हैं, लेकिन इसी के साथ चंद्रमा संतुलित रहता है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर है, तो चांदी के बर्तन में पानी पीने से लाभ मिलेगा. इसके अलावा चांद की रोशनी में बैठने से भी राहत मिलेगी.

तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे 

तांबे के बर्तन में पानी पीने से बहुत लाभ मिलता है. इससे शरीर अंदर से विषाक्त मुक्त होता है और पेट की पाचन अग्नि भी बढ़ती है. तांबे के बर्तन का संबंध सूर्य ग्रह से होता है. ज्योतिषशास्त्र में तांबे को सूर्य की धातु माना गया है. सूर्य से संबंधित सभी रोगों को दूर करने के लिए लोग तांबे की अंगूठी पहनते हैं. सूर्य का कमजोर होना बीमारियों को न्योता देता है और करियर में भी रुकावट आती है. ऐसे में तांबे के बर्तन का दान सूर्य को संतुलित करने में मदद करेगा.

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कांसे के बर्तन का इस्तेमाल

कांसे के बर्तन का इस्तेमाल अब कम हो गया है. स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लोग कांस्य के बर्तनों के इस्तेमाल से परहेज करते हैं, लेकिन कांसे का सीधा संबंध शनि और राहु से जोड़कर देखा गया है. अगर कुंडली में शनि और राहु की स्थिति ठीक नहीं है, तो कांसे के बर्तन का दान किया जा सकता है.

पीतल के बर्तन का इस्तेमाल गुरु, सूर्य और बुध से जुड़ा होता है. ज्योतिष शास्त्र में गुरु और बुध को संतान उत्पत्ति और समृद्धि का कारक माना जाता है. छठ पूजा के दौरान भी पीतल के बर्तनों का ही इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि पीतल का संबंध सूर्य से भी माना गया है, जो भाग्य के विधाता हैं. कुल मिलाकर पीतल के बर्तन का इस्तेमाल गुरु, सूर्य और बुध तीनों को संतुलित करने में मदद करता है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार बर्तनों का दान बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, जो सुख और समृद्धि का कारक होता है. हालांकि किसी भी उपाय को करने से पहले ज्योतिष की सलाह जरूर लें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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