ब्लड शुगर दिन में कितनी बार चेक करना चाहिए , Sugar Level कब चेक करें? ब्लड शुगर की नार्मल रेंज क्या है

डायबिटीज डरने की नहीं, समझदारी से मैनेज करने की बीमारी है. सही समय पर ब्लड शुगर टेस्ट करना और उसकी रेंज को जानना, आपकी सेहत को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकता है.

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Right Time To Check Blood Sugar | How To Check Blood Sugar Level | Normal Blood Sugar Levels.

When and How Many Times a Day You Should Check Sugar Levels: डायबिटीज आज ऐसी स्वास्थ्य समस्या बन गई है, जिसके बारे में हर उम्र के लोगों को जागरूक रहना ज़रूरी है. कई बार लोग यह मान लेते हैं कि जब तक किसी टेस्ट में शुगर बहुत अधिक नहीं निकलती, तब तक चिंता की कोई बात नहीं होती, जबकि सच यह है कि ब्लड शुगर का उतार–चढ़ाव भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है. सही समय पर सही तरीके से शुगर टेस्ट करना, और उसकी रेंज समझना, बीमारी को कंट्रोल में रखने की दिशा में पहला क़दम है.

लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर ब्लड शुगर चेक करने का सही समय कब है? और कौन-सी रेंज सामान्य मानी जाती है?आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं.

ब्लड शुगर कब चेक करें? सही समय और सही रेंज का आसान गाइड | Right Time To Check Blood Sugar | How To Check Blood Sugar Level | Normal Blood Sugar Levels 

फास्टिंग ब्लड शुगर कब करनी चाहिए? | What is the normal sugar level in fasting?

सबसे बुनियादी टेस्ट है फास्टिंग ब्लड शुगर (FBS). यह टेस्ट सुबह खाली पेट किया जाता है, यानी कम से कम 8–10 घंटेतक कुछ भी खाए बिना. रात का डिनर लेने के बाद अगली सुबह टेस्ट कराना सबसे उपयुक्त माना जाता है.

फास्टिंग ब्लड शुगर करनी क्यों ज़रूरी है?

रात भर शरीर बिना खाए रहता है, ऐसे में ब्लड में मौजूद ग्लूकोज़ की वास्तविक मात्रा पता चलती है. यह वह स्तर है जो बताता है कि आपकी बॉडी बेसिकली शुगर को कितनी अच्छी तरह मैनेज कर पा रही है.

पोस्टप्रैन्डियल (PP) या खाने के बाद शुगर कब करें? | Khane Ke Baad Blood Sugar Level ko kab Check Kare 

खाने के दो घंटे बादशुगर टेस्ट किया जाता है. इसमें इस बात का अंदाज़ा मिलता है कि भोजन के बाद शरीर अचानक बढ़ी शुगर को कितनी कुशलता से नियंत्रित कर रहा है.

Also Read: क्या खाने से शुगर बढ़ता है?

यह दो घंटे का नियम ही क्यों?

क्योंकि भोजन के लगभग 120 मिनट बाद ग्लूकोज़ अपनी चरम स्थिति पर पहुँचता है. इसके बाद इंसुलिन उसे कंट्रोल करने लगता है. इसलिए यह समय रोग की सटीक स्थिति बताने के लिए सबसे उपयुक्त है.

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रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट कब करें?

रैंडम शुगर टेस्ट दिन में किसी भी समय किया जा सकता है. यह उन लोगों के लिए उपयोगी है जिन्हें अचानक कोई लक्षण महसूस हो जैसे- चक्कर आना, हाथ-पैर कांपना, अत्यधिक प्यास लगना, धुंधला दिखना आदि.

कब फ़ायदेमंद है?

  • अचानक हाई या लो शुगर के संकेत मिलें
  • मॉनिटरिंग के लिए दिन में कई बार चेक करना हो
  • यात्रा पर या काम के दौरान सुविधा न हो

HbA1c टेस्ट कब कराया जाता है?

यह टेस्ट रोज़ाना नहीं किया जाता. आम तौर पर 3 महीने में एक बारHbA1c जाँच करवाना सलाह दी जाती है. इससे पिछले लगभग 90 दिनों का औसत ब्लड शुगर पता चलता है.

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क्यों ज़रूरी है?

कई लोग रोज़ की रीडिंग अच्छे से मैनेज कर लेते हैं, पर लंबे समय के स्तर में उतार–चढ़ाव बना रहता है. HbA1c वही छुपी हुई कहानी सामने लाता है.

ब्लड शुगर की सामान्य रेंज क्या होती है? | Blood Sugar Normal Range Kya Hoti Hai

अब बात उस सबसे अहम हिस्से की- नीचे दी गई रेंज सामान्य परिस्थितियों में प्रचलित और व्यापक रूप से स्वीकार की जाती हैं. यदि डॉक्टर ने व्यक्तिगत तौर पर अलग रेंज बताई हो, तो सबसे पहले उसी का पालन करें.

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1. फास्टिंग ब्लड शुगर (खाली पेट) ब्लड शुगर की रेंज क्या होती है?

सामान्य व्यक्ति: 70–99 mg/dL
प्री-डायबिटीज: 100–125 mg/dL
डायबिटीज: 126 mg/dL या उससे अधिक

2. खाने के दो घंटे बाद (PP) ब्लड शुगर की रेंज क्या होती है?

सामान्य: 140 mg/dL से कम
प्री-डायबिटीज: 140–199 mg/dL
डायबिटिक: 200 mg/dL या अधिक

3. रैंडम ब्लड शुगर

सामान्य: 200 mg/dL से कम
यदि 200 mg/dL या अधिक आए, और साथ में लक्षण भी हों, तो डायबिटीज की संभावना अधिक होती है.

4. HbA1c रेंज

सामान्य:5.6% या कम
प्री-डायबिटीज:5.7–6.4%
डायबिटीज:6.5% या अधिक

क्यों ज़रूरी है सही समय पर शुगर टेस्ट करना?

शुगर की रीडिंग कई चीजों पर निर्भर करती है- आपने क्या खाया, कब खाया, नींद कैसी रही, तनाव कितना है, दवा कब ली, यहां तक कि आप सुबह जल्दी उठे या देर से. इसलिए गलत समय पर टेस्ट करने से रीडिंग भ्रमित कर सकती है. सही समय पर जाँच करने से- 

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  • बीमारी की सटीक स्थिति पता चलती है
  • दवाओं की सही डोज़ तय होती है
  • डायट और लाइफस्टाइल में उचित बदलाव किए जा सकते हैं
  • भविष्य में होने वाली जटिलताओं से बचा जा सकता है

क्या रोज़ाना शुगर चेक करना ज़रूरी है, ?

यह आपकी स्थिति पर निर्भर करता है.

  • टाइप-1 डायबिटीज वाले व्यक्ति को दिन में कई बार शुगर चेक करनी होती है.
  • टाइप-2 डायबिटीज में, अगर दवा या इंसुलिन चल रहा हो तो डॉक्टर दिन में एक या दो बार जाँच की सलाह दे सकते हैं.
  • यदि शुगर नियंत्रित हो और दवाएं कम हों, तो हफ्ते में 2–3 बार चेक करना काफी हो सकता है.

नियमित मॉनिटरिंग आपकी सुरक्षा कवच की तरह काम करती है. इससे अचानक हाई या लो शुगर होने से बचाव मिलता है.

Photo Credit: Unsplash

टेस्ट के पहले किन बातों का ध्यान रखें?

1. फास्टिंग टेस्ट में पानी के अलावा कुछ न लें.
2. रात का खाना हल्का रखें, ताकि रिपोर्ट साफ़ आए.
3. स्ट्रेस लेने से बचें, क्योंकि तनाव भी शुगर बढ़ा सकता है.
4. दवा कब लेनी है, यह डॉक्टर की सलाह के अनुसार तय करें.
5. मशीन से चेक कर रहे हों तो स्ट्रिप और लैन्सेट सही रखें.

अपनी रिपोर्ट को कैसे समझें?

घर पर मशीन से चेक करने पर हल्का–फुल्का फर्क आ सकता है, लेकिन यदि लगातार रीडिंग हाई आ रही हो, तो डॉक्टर से संपर्क करना ज़रूरी है. सिर्फ एक-दो बार बढ़ी हुई शुगर के आधार पर निष्कर्ष नहीं बनाया जाता. कई दिन की रीडिंग और HbA1c को मिलाकर तस्वीर पूरी समझ आती है.

अंत में…

डायबिटीज डरने की नहीं, समझदारी से मैनेज करने की बीमारी है. सही समय पर ब्लड शुगर टेस्ट करना और उसकी रेंज को जानना, आपकी सेहत को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकता है. यदि आप रोज़ाना छोटी–छोटी सावधानियाँ बरतते हैं- जैसे समय पर दवा, नियमित कसरत, संतुलित आहार और तनाव कम रखना- तो शुगर को नियंत्रण में रखना बिल्कुल संभव है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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