Multigrain Atta Side Effects: आपसे बड़ा कोई बेवकूफ नहीं है. अगर आप भी उन लोगों में से एक है जिनको लगता है इस तरह सात आठ तरह के अनाज को मिलाकर आपका आटा हेल्दी हो जाएगा. तो ये सही नहीं है और ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि डॉक्टर रोबिन शर्मा ने कहा है. उन्होंने कहां अगर मैं आपसे एक साथ पाँच से सात काम करवाऊ तो कौन-सा काम आप सही से कर पाओगे. ठीक वैसा ही आपके पेट के साथ होता है जब आप एक बार में पाँच से सात अनाज उसके अंदर डाल देते हैं. तो वो सही से काम नहीं कर पाता है.
आपको बता दें कि हर अनाज का पचने का टाइम अलग-अलग होता है. जैसे गेहूं, चावल और रागी तुरंत हजम हो जाते है पर बाजरा, चना और ज्वार जैसी चीज़ें बहुत देर में अजम होती है. इस तरह के मल्टीग्रेन आटे को डाइजेस्ट करने के लिए आपके पेट को सामान्य की अपेक्षा बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. जिसे हो सकता है कुछ समय के लिए आपका पेट किसी तरह कर ले पर धीरे धीरे वो भी जवाब देना शुरू कर देता है और इसका नतीजा क्या होता है? गैस, एसिडिटी, पेट फूलना, शुगर स्पाइक, स्किन प्रॉब्लम के साथ साथ आगे चलकर ऑटोइम्यून कंडीशन का कारण बनता है. फिर आपको लगानी पड़ती है डॉक्टर के यहाँ पर लाइन.
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आयुर्वेद कहता है आपको अपने शरीर के हिसाब से अपने क्षेत्र के हिसाब से मौसम के हिसाब से अनाज का चयन करना चाहिए, न की सब कुछ एक साथ मिलाकर आप अपनी पाचक अग्नि को बुझा लो. तो चलिए अब जानते हैं आपको किस मौसम के हिसाब से कौन से अनाज का सेवन करना चाहिए.
मौसम के हिसाब से कौन से अनाज का सेवन करना चाहिए.
मौसम के हिसाब से अनाज का प्रयोग किस प्रकार आपको करना चाहिए. गर्मी में जौ का प्रयोग आपके लिए सबसे अच्छा है. वहीं बरसात में गेहूं का प्रयोग. दिवाली के बाद ज्वार फिर उसके बाद मक्का, सर्दी खत्म होते होते बाजरा. इसके अलावा समय समय पर चना, रागी या अन्य कोई मोटा अनाज बदल बदलकर कुछ समय के लिए इस्तेमाल कीजिये और अगर अनाज में आपको कुछ मिलाना ही है तो मिलाइए, मेथी दाना. बहुत ज्यादा मन करे तो थोड़ा बहुत मोरिंगा पाउडर भी आप उसके अंदर मिला दीजिए. ये दोनों चीज़ें आपकी गैस एसिडिटी की समस्या को कम करने में आपकी सहायता करेगी, आपके डाइजेशन को इंप्रूव करेगी, आपके ब्लड सुगर स्पाइक को कम करने में आपकी सहायता करेंगे.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














