हम भारतीय अपने देसी आहार और देसी फूड के लिए अपने प्यार को छिपा नहीं सकते. खासकर मिठाई को देखते ही मुंह में आने वाला पानी मीठे के लिए हमारे प्यार को उजागर कर ही देता है. गुलाब जामुन, रसगुल्ले, रस मलाई से लेकर मिल्क केक, काजू कतली, बादाम बर्फी, दूध जलेबी, इमरती, ऐसी मिठाईयां हैं जो घी से भरपूर होती हैं, लेकिन इनके स्वाद का कोई मुकाबला नहीं. ये मिठाइयां हमारे हर त्योहार और खास मौकों का हिस्सा बनती हैं. हां, यह एक अलग बात ही कि पसंद, स्वाद और जगह के हिसाब से इनमें थोड़ा बहुत बदलाव होता है. कुछ के फ्लेवर बदल जाते हैं, तो कुछ के नाम. हर किसी की अपनी पसंद और अपना अलग स्वाद होता है. कुछ लोगों को कोई चीज बेहद पसंद होती है, तो किसी को वही चीज बुरी और बेस्वाद भी लग सकती है. ऐसा ही कुछ हुआ टीवी और न्यूज एंकर के साथ भी, जिन्होंने हाल ही में ट्विटर पर मालपुआ को लेकर अपनी नापसंदगी जाहिर की, जो वायरल हो गई. और एक बहस शुरू कर दी.
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ''अब समय आ गया है जब मालपुआ को भारत की सबसे बुरी मिठाई घोषित कर दिया जाए.''
इस ट्वीट के कुछ देर बाद ही लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं देना शुरू कर दिया. जहां कुछ लोग उनसे सहमत नहीं हुए, वहीं कुछ लोगों ने उनकी बात पर सहमति जाहिर की. एक शख्स ने बताया कि उन्हें तो मालपुआ के बारे में पता ही तब चला था जब उन्होंने उसे वनीला आईसक्रीम के साथ खाया.
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वहीं एक मालपुआ फैन ने तो गजब का जवाब लिखा. उन्होंने लिखा - 'डोनट खाने वाले, क्या जानें मालपुआ का स्वाद'
एक यूजर ने लिखा 'मुझे मालपुआ (घर के बने) बहुत पसंद हैं. और अगर आप सबसे बुरी मिठाई के लिए मत लेते हैं, तो सोनपापड़ी मालुपआ को हरा कर विजेता बनेगी.'
वहीं एक दूसरे यूजर ने उन्हें सलाह दी कि वे कांशी के मालपुए ट्राई करें. ऐसा करने से उनका मत बदल सकता है. क्योंकि वे इतने लजीज और रसीले होने के बावजूद बाहर से सूखे होते हैं. और ऐसे मालपुए उन्होंने खुद पूरे भारत में कहीं और नहीं खाए. मालपुआ और रबड़ी एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
हैरानी की बता यह है कि भारत जैसे देश में जहां मिठाई अपनी अलग जगह रखती है, वहां कुछ लोगों को यह पता ही नहीं कि मालपुआ क्या है.
एक यूजर ने असहमत होते हुए कहा - ''मैं आपसे असहमत हूं. आपको मां के हाथ से बने मालपुए खाने की जरूरत है."
एक यूजर ने इसे बनाने से जुड़ी बारीकी के बारे में बताते हुए लिखा - '' इस तरह की मिठाइयोंं में गलती की गुंजाईश बहुत कम होती है. आपने शायद वह खाया हो, जो सही तरह से नहीं बनाया गया हो. मैसूर पाक, पयस्स्म इसी तरह के उदाहरण हैं, जिनमें सामग्री और बनाने की विधि उनके स्वाद को बेहतर या बदतर बना सकती है.'
तो आपको क्या लगता है, क्या मालपुआ को भारत की सबसे बुरी मिठाई करार दिया जाना चाहिए या नहीं. हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.