How To Control High Bp: कभी-कभी ऐसा कुछ होता है कि सब कुछ ठीक चल रहा है. फिर भी लगता है कि अंदर कुछ गड़बड़ हो रही है. चेहरा शांत रख सकते हैं, लेकिन अंदर दिल ज्यादा धड़क रहा है. सांस भारी चल रही है और मन भी बेचैन हो. स्ट्रेस हर बार दिखाई नहीं देता. कभी-कभी यह ट्रैफिक जैम, पुरानी बातें या ईमेल के नोटिफिकेशन के पीछे छुप जाता है और बिना कुछ कहे आपका ब्लड प्रेशर धीरे-धीरे बढ़ जाता है. Who के अनुसार हर चार में से एक व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहा है और कई लोगों को तो इसका पता भी नहीं चलता. इसीलिए हाई बीपी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है. इसलिए इसको कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी होता है. डॉक्टर हंसाजी ने बताया है कि कैसे बिना दवा खाए आप बीपी को कंट्रोल में कर सकते हैं. योग की मदद से सिर्फ 60 सेकंड में यानि 1 मिनट में आप अपने बीपी पर कंट्रोल ला सकते हैं. आज हम देखेंगे तीन ऐसी शक्तिशाली टेक्निक जो बीपी को सिर्फ 1 मिनट में शांत करने में मदद करती है.
योगेंद्र प्राणायाम
इस योगा को करने के लिए 1 से 4 तक की गिनती करें और धीरे-धीरे सांस अंदर लें. एक दो तीन चार थोड़ी देर रोके. फिर चार की गिनती तक सांस धीरे-धीरे छोड़ें. ना कोई जोर, ना कोई खिंचाव. सिर्फ बराबरी से सांस को अंदर और बाहर लेना है. यह सिंपल आसान ब्रीथिंग पैटर्न आपके नर्वस सिस्टम को बैलेंस करता है. जो स्ट्रेस, हार्ट रेट और कामनेस को कंट्रोल करता है. सिर्फ एक मिनट का समान इनेलेशन, एक्सेलेशन आपके प्रेशर को ठीक करने में फायदा पहुंचा सकता है.
ठंडे पानी से चेहरे को धोना
बीपी हाई होने पर थोड़ा ठंडा पानी लें और अपने चेहरे पर अच्छी तरह से स्प्लैश करें. खासकर माथा, आंखें और गालों पर. चाहे तो एक ठंडे पानी की पट्टी या कपड़ा भी आंखों के ऊपर रख सकते हैं. इससे एक्टिवेट होता है मेबेलियन डव रिफ्लेक्स. एक एंशिएंट नेचुरल रिस्पांस जो हार्ट रेट को स्लो करता है. ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करता है और बीपी को तुरंत नीचे लाता है. यह तकनीक नर्वस सिस्टम को रिसेट कर सकती है.
क्विक प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन
जब आपको टेंशन हो, गुस्सा हो या एंजायटी महसूस हो रही हो तब यह तकनीक शुरू करें. क्लेंच जॉस, टाइट शोल्डर्स, बंद मुट्ठी यह सब स्ट्रेस के सिग्नल्स हैं. पीएमआर यह सारे टेंशन पॉइंट्स को रिलैक्स करता है और शरीर को रिलैक्स मोड में लाता है. तो यहां आपको आंखों को जोर से बंद करें. थोड़ा होल्ड करें और फिर इसे छोड़ें. जबड़ा कसे, होल्ड करें और छोड़ें. बॉडी को चेस्ट की तरफ दबाएं. होल्ड करें और छोड़ें. कंधों को कानों तक ले जाए. होल्ड करें और छोड़ें. मुट्ठी कसे, टेंशन महसूस करें और फिर छोड़ें. बैक और शोल्डर प्लेट्स को स्क्वीज़ करें और छोड़ें. डीप सांस लें. चेस्ट एक्सपैंड करें. होल्ड करें और छोड़ें. पेट और पेल्विस के मसल्स को कसें और छोड़ें. पैरों की उंगलियां कर्ल करें. दोनों पैरों को टेंस करें और फिर छोड़ दें. हर रिलीज के साथ में महसूस करें कि स्ट्रेस आपके शरीर से बाहर निकल रहा है.
आखिर में थोड़ी देर शवासन में लेटे. हाथ शरीर से 1 फीट दूर, पैर दो से 2 फीट दूर, पाम्स ऊपर की तरफ सारे मसल्स को रिलैक्स करें. माइंड से पूरे शरीर की तरफ एक-एक पार्ट पर ले जाएं. टो से अपवर्ड्स तक और फिर ऊपर से नीचे तक और सब कुछ टुगेदर रिलैक्स करें. डीप और रिदममिक ब्रीथिंग के साथ सब कुछ शांत महसूस करें.
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हाई बीपी को कैसे कंट्रोल करे
नमक का समझदारी से उपयोग करें. ज्यादा नमक ना खाएं. जंक फूड, पैक, स्नैक्स और चिप्स. इसमें नमक की मात्रा काफी ज्यादा होती है. इसका सेवन ना करें. जितना हो सके दूर रहें. अपने रोज के खाने में काला नमक, हिमालयन, पिंक साल्ट, सेंधा नमक इनका खास करके उपयोग करें. यह ट्रेडिशनल और नेचुरल साल्ट्स है और यह शरीर के लिए ज्यादा उपयोगी है.
हर रोज पैदल चलना अपने रूटीन का हिस्सा बनाएं. हर दिन कम से कम 30 मिनट का वॉक या नॉर्मल फिजिकल एक्टिविटीज यह आपके ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने में मदद करती है. याद रखिए मूवमेंट्स मतलब अच्छा ब्लड फ्लो और अच्छा ब्लड फ्लो मतलब हेल्दी ब्लड प्रेशर. स्ट्रेस हटाने के लिए एक्सरसाइज करें. रोज कुछ मिनट के लिए ही सही मेडिटेशन, डीप ब्रीथिंग या बस शांत बैठना भी स्ट्रेस के लेवल को कम करता है. क्रॉनिक स्ट्रेस हाई बीपी का एक बहुत बड़ा कारण है और माइंडफुलनेस उसका प्रभावी उपाय है.
गहरी नींद को प्राथमिकता देना जरूरी है. जब हम गहरी नींद में होते हैं तब शरीर प्राकृतिक रूप से बीपी को नीचे ले आता है. अगर आप सही नींद नहीं ले रहे तो आप रिकवरी का वो समय छोड़ रहे हैं जहां शरीर अपने आप अपने सब चीजों को हील करता है. होम बीपी मॉनिटर से अपना ब्लड प्रेशर समय-समय पर चेक करें ताकि आपको अपने शरीर के पैटर्न्स का पता चले. जब आप अवेयर होते हैं तभी तो आप टाइमली एक्शन ले सकते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














