Rojana Karela Khane Se Kya Hota Hai: करेला (Bitter Gourd) भारतीय रसोई का वो सदस्य है जिसे कड़वे स्वाद के कारण हर कोई पसंद नहीं करता, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभों को नज़रअंदाज़ करना नामुमकिन है. करेला एक शक्तिशाली औषधि है जो कई गंभीर बीमारियों में राहत देती है. लेकिन इसके सेवन को लेकर कई सवाल हैं: अगर मैं रोज करेला खाऊं तो क्या होगा? करेला खाने से कौन सी बीमारी दूर होती है? करेला कब नहीं खाना चाहिए? और सबसे ज़रूरी, करेले की तासीर ठंडी या गर्म?
आज हम इस कड़वी लेकिन गुणों से भरपूर सब्ज़ी के बारे में हर ज़रूरी बात जानेंगे. यह लेख आपको बताएगा कि करेला आपकी डाइट के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है और इसे खाने का सही तरीका क्या है.
करेले की तासीर ठंडी या गर्म? (Karele Ki Taseer Kaisi Hoti Hai)
आयुर्वेद और पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, करेले की तासीर आम तौर पर ठंडी (Cooling) होती है. करेला, विशेष रूप से पित्त दोष (शरीर की गर्मी) को शांत करने में बहुत प्रभावी होता है. यह पेट की गर्मी, जलन और एसिडिटी को कम करने में मदद करता है. यही कारण है कि यह गर्मियों में और उन लोगों के लिए बेहतरीन माना जाता है जिन्हें अक्सर पेट या शरीर में गर्मी महसूस होती है.
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अगर मैं रोज करेला खाऊं तो क्या होगा? (Rojana Karela Khane Se Kya Hoga)
यदि आप करेले का सेवन रोज़ाना करते हैं, तो आपको तुरंत कई स्वास्थ्य लाभ दिखने शुरू हो जाएंगे, लेकिन साथ ही कुछ बातों का ध्यान रखना भी ज़रूरी है:
रोज करेला खाने के फायदे | Karela Khane Ke Fayde
- शुगर लेवल कंट्रोल: अगर मैं रोज करेला खाऊं तो सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आपका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहेगा. करेला शरीर में इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ावा देता है.
- डेटॉक्सिफिकेशन: रोज़ाना सेवन से आपका खून साफ़ (Blood Purification) होता है और लिवर मज़बूत बनता है, जिससे त्वचा साफ और चमकदार होती है.
- मेटाबॉलिज्म बूस्ट: यह आपके मेटाबॉलिज्म को गति देता है, जो वजन घटाने में मदद करता है.
रोज करेला खाने के नुकसान | Karela Khane Ke Nuksan
- पेट की समस्या: ज़रूरत से ज़्यादा करेला खाने से पेट में ऐंठन (Cramping) या दस्त (Diarrhea) हो सकते हैं.
- हाइपोग्लाइसीमिया: अगर आप डायबिटीज की दवाइयाँ ले रहे हैं और साथ में रोज़ाना करेले का जूस पीते हैं, तो आपका ब्लड शुगर बहुत ज़्यादा कम हो सकता है (Hypoglycemia).
- सलाह: रोज़ाना करेला खाना सुरक्षित है, लेकिन इसे मध्यम मात्रा (Moderation) में ही खाएं और अपने डॉक्टर से सलाह लें, खासकर यदि आप दवाइयाँ ले रहे हैं.
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करेला खाने से कौन सी बीमारी दूर होती है? (Major Health Benefits)
करेला केवल डायबिटीज ही नहीं, बल्कि कई अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद करता है:
- डायबिटीज और ब्लड शुगर कंट्रोल (Diabetes) : यह करेले का सबसे बड़ा लाभ है. करेले में 'चैरेंटिन' और 'पॉलीपेप्टाइड-पी' नामक यौगिक होते हैं, जो प्राकृतिक इंसुलिन की तरह काम करते हैं. यह शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण (Absorption) को कम करता है, जिससे टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज दोनों में लाभ मिलता है.
- लिवर और पाचन स्वास्थ्य (Liver and Digestion) : करेला पित्त और कफ को शांत करता है, जिससे पाचन तंत्र बेहतर होता है. यह लिवर को डिटॉक्स (Detox) करता है, एंजाइम के उत्पादन को बढ़ाता है और कब्ज को दूर करता है.
- कैंसर से बचाव (Cancer Prevention) : कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि करेले में ऐसे गुण होते हैं जो कुछ प्रकार के कैंसर कोशिकाओं (जैसे स्तन कैंसर) के विकास को धीमा करने में मदद कर सकते हैं.
- संक्रमण और त्वचा रोग (Skin Diseases) : करेला एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है. यह मुंहासे, एक्जिमा और सोरायसिस जैसे त्वचा रोगों के इलाज में सहायक है और रक्त को शुद्ध करता है.
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करेला कब नहीं खाना चाहिए? (Karela Kab Khana Chahiye)
ज्यादातर लोगों के लिए करेला सुरक्षित है, लेकिन कुछ स्थितियों में इसका सेवन हानिकारक हो सकता है:
- गर्भावस्था (Pregnancy): गर्भवती महिलाओं को करेला खाने से बचना चाहिए, क्योंकि कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि यह गर्भाशय के संकुचन (Contractions) को बढ़ा सकता है और समस्या पैदा कर सकता है.
- सर्जरी से पहले/बाद: अगर आपकी कोई सर्जरी होने वाली है, तो कम से कम दो सप्ताह पहले करेला खाना बंद कर दें, क्योंकि यह ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकता है.
- लो ब्लड शुगर (Hypoglycemia): जिन लोगों का ब्लड शुगर पहले से ही कम रहता है या जो बहुत तेज़ दवाइयाँ लेते हैं, उन्हें करेला डॉक्टर की सलाह पर ही खाना चाहिए.
करेला एक प्राकृतिक दवा है. करेला खाने से कौन सी बीमारी दूर होती है, इसका सीधा जवाब है - मुख्य रूप से डायबिटीज. इसे रोज़ाना एक सीमित मात्रा में खाना बहुत फायदेमंद है, लेकिन सावधानी ज़रूरी है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














