अवधी बिरयानी और हैदराबादी बिरयानी क्या अंतर है? UNESCO ने किसे चुना और क्यों?

Awadhi vs Hyderabadi Biryani: भारत की रसोई में स्वाद केवल मसालों से नहीं, बल्कि इतिहास, परंपरा और भावनाओं से बनता है. इस सम्मान ने एक दिलचस्प सवाल खड़ा कर दिया है. अवधी बिरयानी बनाम हैदराबादी बिरयानी UNESCO ने किसे चुना और क्यों?

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Awadhi vs Hyderabadi Biryani: अवधी बिरयानी लखनऊ की रसोई से निकली एक शाही डिश है.

Awadhi vs Hyderabadi Biryani: लखनऊ को हाल ही में UNESCO की क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी की सूची में शामिल किया गया है. यह सम्मान किसी शहर को उसकी पाककला विरासत, सांस्कृतिक गहराई और रचनात्मकता के लिए दिया जाता है. भारत में इससे पहले हैदराबाद को यह दर्जा मिला था और अब लखनऊ ने अपनी अवधी पाककला के दम पर यह उपलब्धि हासिल की है. लखनऊ की पहचान उसके नवाबी अंदाज़ में है जहां खाना बनाना एक रचनात्मक प्रक्रिया है और परोसना एक संस्कार. यहां की रसोई में स्वाद केवल मसालों से नहीं, बल्कि इतिहास, परंपरा और भावनाओं से बनता है. इस सम्मान ने एक दिलचस्प सवाल खड़ा कर दिया है. अवधी बिरयानी बनाम हैदराबादी बिरयानी UNESCO ने किसे चुना और क्यों?

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अवधी बिरयानी में स्वाद की नजाकत

अवधी बिरयानी लखनऊ की रसोई से निकली एक शाही डिश है. इसे दम पुख्त तकनीक से बनाया जाता है यानी धीमी आंच पर पकाना. इसमें चावल और मांस को अलग-अलग पकाया जाता है, फिर उन्हें एक साथ देग में परतों में रखा जाता है. मसाले हल्के होते हैं, लेकिन खुशबूदार. इसमें केसर, गुलाब जल और इत्र का इस्तेमाल होता है, जो इसे एक रॉयल टच देता है.

अवधी बिरयानी का स्वाद नजाकत से भरा होता है न तीखा, न भारी. यह स्वाद की गहराई और संतुलन का उदाहरण है. यही कारण है कि UNESCO ने लखनऊ की पाककला को सांस्कृतिक और रचनात्मक दृष्टिकोण से सराहा.

हैदराबादी बिरयानी में तीखेपन और तड़के का तड़का

हैदराबादी बिरयानी भारत की सबसे लोकप्रिय बिरयानी में से एक है. इसे कच्ची बिरयानी कहा जाता है क्योंकि इसमें कच्चे मांस और चावल को एक साथ पकाया जाता है. मसाले तीखे होते हैं जैसे लाल मिर्च, धनिया, पुदीना और नींबू. इसमें स्वाद का विस्फोट होता है, जो हर निवाले में महसूस होता है.

हैदराबादी बिरयानी का स्वाद जोरदार और मसालेदार होता है. यह दक्षिण भारत की पाककला का प्रतिनिधित्व करती है और पहले ही UNESCO की Creative City सूची में शामिल हो चुकी है.

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UNESCO ने लखनऊ को क्यों चुना?

UNESCO ने लखनऊ को क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी का दर्जा अवधी पाककला की विविधता, स्थायित्व और सांस्कृतिक गहराई के लिए दिया.

तुलना में क्या खास है?

विशेषताअवधी बिरयानीहैदराबादी बिरयानी
पकाने की विधिदम पुख्त (धीमी आंच)कच्ची बिरयानी (एक साथ पकाना)
मसालों का प्रयोगहल्के, खुशबूदारतीखे, मसालेदार
स्वादसंतुलित, रॉयलजोरदार, चटपटा
सांस्कृतिक पहचाननवाबी विरासतनिजामी विरासत
UNESCO मान्यता2025 में लखनऊ को मिलापहले ही हैदराबाद को मिला था

अवधी बिरयानी और हैदराबादी बिरयानी दोनों ही भारत की पाककला की शान हैं. लेकिन, UNESCO ने लखनऊ को चुना क्योंकि यहां की पाककला इतिहास, नवाचार और स्थायित्व का सुंदर मेल है. अवधी बिरयानी केवल एक डिश नहीं, बल्कि एक अनुभव है जिसमें हर निवाला आपको नवाबों के दौर में ले जाता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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