कहीं आप भी तो नहीं खा रहे हैं चाइनीज गार्लिक, डॉक्टर से जानिए इसे खाने के नुकसान और इनको कैसे पहचानें

Chinese Garlic Side Effects: इंडियन मार्केट में बिक रहे चाइनजी गार्लिक को भले ही बैन कर दिया गया हो लेकिन अभी भी कहीं ना कहीं ये बिकता दिख ही जाता है. क्या आपको पता है कि ये लहसुन आपकी सेहत को कैसे नुकसान पहुंचा रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
चाइनीज लहसुन कैसे पहुंचाता है नुकसान.

Chinese Garlic Side Effects: इंडियन मार्केट में बिक रहे चाइनजी गार्लिक को भले ही बैन कर दिया गया हो लेकिन अभी भी कहीं ना कहीं ये बिकता दिख ही जाता है. दिखने में बड़ा और इस्तेमाल करने में आसान होने की वजह से लोग इसको पसंद कर रहे हैं. अक्सर तो लोगों को पता ही नहीं होता है कि वो जो लहसुन खा रहे हैं वो चाइनीज है. अगर आप भी अपना काम आसान करने के लिए चाइनीज गार्लिक खा रहे हैं तो अभी से इस आदत को बदल दें. यह सेहत के लिए बेहद नुकसानदायर होता है. इस बारे में हमने बात की डॉक्टर दीप्ति खाटूजा ( हेड क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट ( फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट गुड़गाव) से. उन्होंने बताया कि कैसे चाइनीज गार्लिक और इंडियन गार्लिक में फर्क क्या है. और सेहत को कैसे चाइनीज लहसुन नुकसान पहुंचा सकता है. 

चाइनीज गार्लिक इंडियन गार्लिक से कैसे अलग है ( Indian Garlic Vs Chinese Garlic)

भारतीय खाना स्वाद और सेहत से भरपूर होता है, देखिए अपने हेल्दी लंच में क्या बनाएं

चाइनीज गार्लिक का बल्प बहुत छोटा होता है और वो व्हाइट से पिंक कलर में आता है. वहीं इंडियन गार्लिक का बल्प बड़ा होता है और ज्यादातर व्हाइटिश ब्राउन कलर में होता है. 

फ्लेवर की बात करें तो इंडियन गार्लिक बहुत ही रोबेस्ट फ्लेवर और पेंगेंट फ्लेवर और अरोमा देता है. लेकिन चाइनीज गार्लिक माइल्ड होता है. उनका टेस्ट और पेंगेंट भी बहुत माइल्ड होता है. 

Advertisement

चाइनीज गार्लिक की ग्रोथ के लिए कैमिकल पेस्टिसाइड का इस्तेमाल किया जाता है. जो बहुत ही अनहेल्दी होते है. कई रिसर्च में भी इस बात का खुलासा किया गया है कि अगर हम बहुत ज्यादा अमाउंट में केमिकल का सेवन करते हैं या पेस्टिसाइड का सेवन ज्यादा करते हैं तो इसके कई एलर्जी इफेक्ट अस्थमा और स्किन एलर्जी रिएक्शन के साथ- साथ कार्सिनोजेनिक (कैंसर पैदा करने वाले) तत्व पाए जाते हैं.

Advertisement

वहीं इंडियन गार्लिक नॉर्मल कल्टीवेशन से ग्रो की जाती है. जो मेजर एक अंतर है टेस्ट और साइज के हिसाब से जो बेहद जरूरी है. इसलिए जरूरी है कि हम उन चीजों का इस्तेमाल करें जो नॉर्मल कल्टीवेशन के साथ उगाई जाती हैं. ज्यादा केमिकल और पेस्टिसाइड का इस्तेमाल कर के उगाई गई चीजों का सेवन करने से बचें. 

Advertisement

History Of Laddu: मिठाई नहीं दवाई के तौर पर खाया जाता था लड्डू, जानिए लड्डू का इतिहास | Swaad Ka Safar

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
Atal Bihari Vajpayee: अटल जयंती पर PM Modi के लिखे लेख में क्या कुछ खास?