Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की कई नीति हैं, जिनका पालन कर आप अपना जीवन सफल बना सकते हैं. ऐसे में हम सभी जानते हैं, कि शरीर के लिए हेल्दी खाना- पीना कितना जरूरी है. अगर आप खाने- पीने में लापरवाही करते हैं, तो आपको कई तरह की बीमारियां जकड़ सकती हैं. ऐसे में आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) की नीति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके अनुसार, स्वस्थ रहने के लिए हर एक व्यक्ति को नीचे बताई गई चीजों का सेवन करना चाहिए. बता दें, उनका खानपान नीति का एक श्लोक (Chanakya Quotes) भी, जिसे जीवन का सूत्र माना गया है.
चाणक्य का ये है श्लोक
'अजीर्णे भेषजं वारि जीर्णे वारि बलप्रदम्
भोजने चामृतं वारि भोजनान्ते विषप्रदम्॥'
चाणक्य खानपान नीति के अनुसार, इन चीजों का करें सेवन
आटा: चाणक्य ने कहा है कि पिसा हुआ अनाज यानीआटा, जिससे रोटियां बनाई जा सकती हैं, वह साबुत अनाज की तुलना में दस गुना अधिक पौष्टिक और ऊर्जा देने वाला होता है. ऐसे में रोटी का सेवन करना चाहिए. बता दें, रोटी खाने से पाचन तंत्र भी अच्छा होता है.
दूध: दूध को आटे से दस गुना ज्यादा गुणकारी माना जाता है. बता दें, चाणक्य की नीति में इसे एक संपूर्ण आहार माना गया है जो शरीर को मजबूत बनाए रखता है. इसी के साथ शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है और हड्डियों को मजबूती देता है.
घी: चाणक्य नीति में घी को सबसे शक्तिशाली खाद्य पदार्थ माना गया है, क्योंकि इसमें मांस से दस गुना ज्यादा और सामान्य अनाज से 38 गुना ज्यादा ताकत होती है. कहा जाता है कि रोजाना शुद्ध घी खाने से बीमारियां दूर रहती हैं, शरीर मजबूत होता है और लंबी, स्वस्थ जिंदगी मिलती है.
गिलोय (गुडूची): चाणक्य ने "गुडूची" या गिलोय को सभी जड़ी-बूटियों में सबसे बेस्ट औषधि माना गया है. ऐसा माना जाता है कि इसे अपनी डाइट में शामिल करने से व्यक्ति की इम्यूनिटी बढ़ती है और कई तरह की बीमारियां दूर रहती हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














