इन दो पौधों की पत्तियों में छुपा है सेहत का भरपूर खजाना, रोजाना खाली पेट खाने से लिवर की तकलीफ होगी दूर, तेजी से बढ़ेंगे प्लेटलेट्स

वैद्य राम अवतार के मुताबिक कुछ पौधे ऐसे होते हैं जो लिवर से जुड़ी बीमारियों को दूर करते हैं और कुछ पौधों की वजह से प्लेटलेट्स बढ़ने लगते हैं. चलिए जानते हैं कौन से हैं ये पौधे और कैसे करें इन का इस्तेमाल.

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औषधीय गुणों से भरे हैं ये दो पत्ते.

Benefits Of Aak And Sadahari Leaf: आप की बगिया में या सड़क के किनारे उगने वाले ऐसे बहुत से छोटे छोटे पौधे होते हैं जिन में कमाल का सेहत का खजाना छुपा होता है. बस आपको ये पता होना चाहिए कि उन पौधों का इस्तेमाल कैसे होना है. कुछ पौधे ऐसे होते हैं जिनकी पत्तियों में बेशुमार गुण होते हैं. आयुर्वेद के एक्सपर्ट वैद्य राम अवतार ने एनडीटीवी के साथ ऐसे ही पौधों से जुड़ी जानकारी शेयर की. वैद्य राम अवतार के मुताबिक कुछ पौधे ऐसे होते हैं जो लिवर से जुड़ी बीमारियों को दूर करते हैं और कुछ पौधों की वजह से प्लेटलेट्स बढ़ने लगते हैं. चलिए जानते हैं कौन से हैं ये पौधे और कैसे करें इन का इस्तेमाल.

आक और सदाहारी के पत्तों के फायदे| Benefits Of Aak And Sadahari Leaf:

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आक के पत्तों का फायदा और इस्तेमाल का तरीका

आक के पौधे को पहचानने का तरीका ये है कि इस के पत्ते तोड़ने पर सफेद दूध जैसा पदार्थ निकलता है. इस पौधे को मदार का पौधा भी कहा जाता है. इस के पत्तों को खाने से लिवर से जुड़ी तकलीफें दूर होती हैं. आंखों का पीलापन, यूरिन का पीला होना जैसी शिकायतें भी आक के पत्तों को खाने से दूर होता है. वैद्य राम अवतार के मुताबिक इन पत्तों को खाने से लिवर ठीक तरह से काम करता है और भूख भी बढ़ जाती है.

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वैद्य राम अवतार ने बताया कि आक के पत्तों को तोड़ कर साफ कर लें. और, फिर इन्हें बारीक काट लें. इन पत्तों को देसी खांड या देसी गुड़ के साथ मिलाकर रोज सुबह खाली पेट खाना चाहिए. इस प्रक्रिया को नियमित रूप से करने से लिवर से जुड़ी कई परेशानियां ठीक होती हैं.

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सदाहारी के पत्तों का फायदा और इस्तेमाल का तरीका

सदाहारी का पौधा बहुत छोटा होता है. और, इस पौधे में एक ही फूल आता है. पूरे साल हरा रहने की वजह से इस पौधे को सदाहारी कहते हैं और सिर्फ एक ही फूल आने की वजह से इसे एकांगी भी कहते हैं. वैद्य राम अवतार के मुताबिक इस पौधे कि पत्तियों से प्लेटलेट्स बढ़ना शुरू हो जाते हैं. इसलिए ये डेंगू के मरीज के लिए फायदेमंद है. साथ ही किसी भी तरह के खून की शिकायत जैसे टीबी में मुंह से खून आना, नकसीर फूटना, कैंसर का खून आना या फिर माहवारी में ज्यादा रक्तस्राव होने पर इन पत्तों का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है.

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वैद्य राम अवतार के मुताबिक पौधे की शाखा पर लगे सबसे ऊपर के दो पत्तों का ही सेवन करना चाहिए. दो पत्तों को तोड़ें और उन्हें खूब अच्छे से धो लें. उन्हें धोने के बाद चबा चबा कर खाने से प्लेटलेट्स बढ़ते हैं. ऐसा हफ्ते में कम से कम तीन से चार बार कर सकते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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