Banana Chips vs Potato Chips : शाम की हल्की भूख हो या टीवी देखते हुए कुछ कुरकुरा खाने का मन, चिप्स (Chips) हमेशा हमारी रसोई का ज़रूरी हिस्सा रहे हैं. भारतीय स्नैकिंग में, केले के चिप्स (Banana Chips) और आलू के चिप्स (Potato Chips) का अपना अलग ही रुतबा है. दोनों ही लाजवाब क्रंच और स्वाद देते हैं, लेकिन सवाल यह है कि सेहत के लिहाज़ से दोनों में से बेहतर कौन है?
बहुत से लोग सोचते हैं कि केले के चिप्स ज़्यादा हेल्दी होते हैं, क्योंकि ये फल (केले) से बनते हैं. लेकिन क्या यह धारणा सच है? या क्या आलू के चिप्स को बेवजह ही बदनाम किया जाता है? आज हम इन दोनों लोकप्रिय स्नैक्स की तुलना करेंगे- स्वाद, बनाने की विधि, और सबसे महत्वपूर्ण, पोषण (Nutrition) के आधार पर. आइए जानते हैं कि आपके हेल्दी स्नैक रूटीन में किसे जगह मिलनी चाहिए!
आलू के चिप्स बनाम केले के चिप्स
दोनों ही चिप्स पतले स्लाइस को तलकर तैयार किए जाते हैं, लेकिन इनके बनाने की सामग्री और प्रक्रिया इन्हें अलग बनाती है:
केले के चिप्स क्या हैं?
ये चिप्स ख़ासकर केरल से आते हैं। इन्हें कच्चे या थोड़े पके केले को पतला काटकर बनाया जाता है, और फिर नारियल के तेल में डीप-फ्राई किया जाता है। इनमें नमक और मसाले डाले जाते हैं। इनका स्वाद मीठा और नमकीन दोनों का मिला-जुला रूप होता है और ये बहुत कुरकुरे होते हैं।
आलू के चिप्स क्या हैं?
आलू के चिप्स को आलू को पतला काटकर, साधारण तेल में तलकर बनाया जाता है। इन्हें नमक, तीखा मसाला, या खट्टी क्रीम जैसे कई तरह के फ्लेवर डालकर तैयार किया जाता है। यह स्नैक पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा मशहूर है और हर उम्र के लोगों को पसंद आता है.
स्वाद, बनावट और तैयारी में अंतर
केले और आलू के चिप्स की तुलना करते समय, उनकी तैयारी के तरीक़े में प्रमुख अंतर सामने आते हैं:
आलू के चिप्स बनाम केले के चिप्स: स्वाद, बनावट और बनाने का तरीका
भले ही दोनों चिप्स तले हुए होते हैं, लेकिन इन्हें बनाने की सामग्री और तरीके में बड़ा अंतर होता है. चिप्स का स्वाद काफी हद तक इस्तेमाल किए गए तेल और पकाने के तरीके पर निर्भर करता है. केले के चिप्स मे नारियल तेल और फल का एक अलग ही मीठा-नमकीन स्वाद होता है. वहीं, आलू के चिप्स का स्वाद न्यूट्रल होता है और सारा फ्लेवर ऊपर से डाले गए मसालों से आता है.
चूँकि दोनों स्नैक्स तले हुए होते हैं, इनके स्वाद में तेल और तलने की तकनीक का बड़ा योगदान होता है. केले के चिप्स में एक उष्णकटिबंधीय (Tropical) फल का स्वाद होता है, जबकि आलू के चिप्स का स्वाद पूरी तरह से सीज़निंग पर निर्भर करता है.
केले के चिप्स बनाम आलू के चिप्स: स्वास्थ्य तुलना (Health Considerations)
अब आते हैं सबसे ज़रूरी सवाल पर—क्या केले के चिप्स आलू के चिप्स से ज़्यादा हेल्दी होते हैं?
1. फ़ाइबर और पोटेशियम : इस मामले में केले के चिप्स बाजी मार ले जाते हैं. केले के चिप्स फल से बनते हैं, इसलिए इनमें आलू के चिप्स की तुलना में फ़ाइबर (Fiber) और पोटेशियम (Potassium) की मात्रा थोड़ी ज़्यादा होती है. फ़ाइबर पाचन के लिए अच्छा है, और पोटेशियम रक्तचाप (Blood Pressure) को नियंत्रित करने में मदद करता है.
2. ब्लड शुगर पर असर (ग्लाइसेमिक इंडेक्स) : अगर आप डायबिटीज़ से पीड़ित हैं या ब्लड शुगर कंट्रोल रखना चाहते हैं, तो केले के चिप्स में थोड़ा फ़ायदा है. केले के चिप्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) आलू के चिप्स की तुलना में आमतौर पर कम होता है, जिसका मतलब है कि यह ब्लड शुगर को तेज़ी से नहीं बढ़ाएगा.
3. सेचुरेटेड फ़ैट (Saturated Fat) : यह एक ट्रिकी पॉइंट है. केले के चिप्स में अक्सर नारियल का तेल इस्तेमाल होता है. नारियल तेल में ज़्यादा मात्रा में सेचुरेटेड फ़ैट होता है. हालांकि, शोध बताते हैं कि मध्यम मात्रा में इसका सेवन हानिकारक नहीं हो सकता है, लेकिन आलू के चिप्स में इस्तेमाल होने वाले रिफाइंड तेलों की तुलना में इसमें सेचुरेटेड फ़ैट ज़्यादा होता है.
वहीं, आलू के चिप्स में इस्तेमाल होने वाले रिफाइंड तेलों में ट्रांस फ़ैट्स (Trans Fats) और ओमेगा-6 फ़ैटी एसिड्स ज़्यादा हो सकते हैं, जो हृदय के लिए हानिकारक हो सकते हैं.
4. सोडियम (Sodium) की मात्रा : सोडियम दोनों चिप्स का सबसे बड़ा दुश्मन है. दोनों ही स्नैक्स में, खासकर फ़्लेवर्ड किस्मों में, सोडियम (नमक) की मात्रा बहुत ज़्यादा हो सकती है. हाई सोडियम का सेवन हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग से जुड़ा हुआ है. इसलिए, हमेशा कम-नमक (Low-Sodium) वाले या बिना नमक वाले विकल्प चुनें.
तो, कौन सा स्नैक है ज़्यादा हेल्दी? (Which Chip Is Healthier?)
सच्चाई यह है कि जब दोनों चिप्स को डीप-फ्राई किया जाता है, तो वे अपनी मूल सेहतमंद पहचान काफी हद तक खो देते हैं. दोनों ही हाई-कैलोरी स्नैक बन जाते हैं.
अधिक फ़ाइबर, पोटेशियम और कम के लिए खाएं केले के चिप्स. ये नारियल तेल में मौजूद सेचुरेटेड फ़ैट की मात्रा पर ध्यान दें. अगर आप अधिक पोषण, फ़ाइबर और ब्लड शुगर नियंत्रण के लिए देख रहे हैं, तो केले के चिप्स को हल्की बढ़त मिल सकती है. लेकिन, सबसे ज़रूरी बात यह है कि मात्रा (Portion Control) मायने रखती है. एक मुट्ठी चिप्स (चाहे कोई भी हो) संतुलित स्नैक रूटीन का हिस्सा हो सकता है, लेकिन अत्यधिक मात्रा में खाना दोनों ही मामलों में हानिकारक है. सोच-समझकर स्नैकिंग (Mindful Snacking) ही आपकी सेहत के लिए सबसे अच्छा विकल्प है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














