Anant Chaturdashi 2024 Date: 16 या 17 सितंबर कब है अनंत चतुर्दशी? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त, भोग और पूजा विधि

Anant Chaturdashi 2024: हिंदू धर्म में पूरे साल बहुत सारे तीज-त्योहार आते हैं  जिसे पूरी श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है. अगस्त की तरह सितंबर में भी कई पर्व त्योहार पड़ने वाला है जिसमें से एक अनंत चतुर्दशी भी है.

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Anant Chaturdashi 2024: हिंदू धर्म में पूरे साल बहुत सारे तीज-त्योहार आते हैं  जिसे पूरी श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है. अगस्त की तरह सितंबर में भी कई पर्व त्योहार पड़ने वाला है जिसमें से एक अनंत चतुर्दशी भी है. इसमें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. व्रत रखकर लोग भगवान विष्णु और धन की देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा करते हैं. हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष में अनंत चतुर्दशी मनाया जाता है. इस साल किस तिथि और शुभ मुहूर्त में अनंत चतुर्दशी की पूजा करनी चाहिए, पूजा विधि से लेकर भोग प्रसाद तक सभी चीजों की जानकारी हम आपको देने जा रहे हैं.

अनंत चतुर्दशी 2024 तिथि ( Anant Chaturdashi 2024 Tithi)

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हर साल अनंत चतुर्दशी मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, इस साल 16 सितंबर को को 3 बज कर 10 मिनट पर चतुर्दशी तिथि की शुरुआत होगी और अगले दिन 17 सितंबर को 11 बज कर 44 मिनट पर यह समाप्त हो जाएगा. उदया तिथि के मुताबिक, 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी की पूजा की जाएगी. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के अलावा मां यमुना और शेष नाग की भी विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है. लोक मान्यता के मुताबिक, इस दिन पूरी श्रद्धा भाव के साथ पूजा करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है.

शुभ मुहूर्त ( Anant Chaturdashi 2024 Shubh muhurt)

अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा के बाद अनंत सूत्र बांधा जाता है जिसमें कुल 14 गांठ होती है. इन 14 गांठों को 14 लोकों के साथ जोड़ कर देखा जाता है और इस पूजा को अनंत फल देने वाला माना जाता है. शुभ मुहूर्त में पूजा अर्चना करना विशेष रूप से फलदायी होता है. 17 सितंबर को सुबह 6 बजकर 7 मिनट से लेकर 11 बज कर 44 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है.

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पूजा विधि ( Anant Chaturdashi 2024 Puja Vidhi)

अनंत चतुर्दशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए. भगवान विष्णु का स्मरण कर व्रत का संकल्प लें. शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति चौकी पर स्थापित करें. इसके बाद हल्दी, केसर, कुमकुम, फूल, अक्षत और फल अर्पित करें. इसके बाद एक कच्ची डोरी में 14 गांठ लगा कर अनंत सूत्र तैयार करें और ऊँ अनंताय नम: मंत्र के साथ श्री हरि को अर्पित करें. इसके बाद अनंत सूत्र को अपनी कलाई पर बांध लें. कथा का पाठ करने के बाद दीपक जला कर आरती करें और भोग लगाएं.

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भोग प्रसाद ( Anant Chaturdashi 2024 Bhog)

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूर्ण श्रद्धा भाव से पूजा-अर्चना की जाती है. अनंत भगवान को सात्विक थाली का भोग लगाया जाता है. सात्विक थाली के लिए आप आलू-टमाटर की सब्जी, कट्टू की पूरी और खीर बना सकते हैं. इसके अलावा फल और लड्डू का भी भोग लगाया जा सकता है.
 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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