आयुर्वेद के अनुसार नॉन-वेज खाना चाहिए या नहीं? जानें क्या कहते हैं आयुर्वेद एक्सपर्ट

Ayurveda View on Eating Non-veg: अगर आप लंबे समय से नॉन -वेज का सेवन कर रहे हैं, तो आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि आयुर्वेद इसको लेकर क्या कहता है. दरअसल आयुर्वेद में नॉन -वेज को बीमारी की जड़ माना गया है. इस बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट राम अवतार ने कुछ जरूरी बातें बताई हैं.

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Ayurveda View on Eating Non-veg: आयुर्वेद में नॉन-वेज को बीमारी की जड़ माना जाता है.

कहते हैं जैसा खान-पान वैसा ही मन. डॉक्टर हो या डाइटिशियन हमेशा हेल्दी डाइट लेने की सलाह देते हैं. लेकिन, आयुर्वेद में खाने- पीने को लेकर अलग नियम हैं. खासकर आयुर्वेद में नॉन-वेज का सेवन न करने की सलाह दी जाती है और शाकाहारी भोजन को बढ़ावा दिया जाता है. आखिर आयुर्वेद में नॉन -वेज किस तरह देखा जाता है और वह शरीर के लिए कितना नुकसानदायक है? इस बारे में विस्तार से बताया सीपीयू-पीएसआई सेंटर फॉर ट्रेडिशन टोनल मेडिसिन, योग और संस्कार के डायरेक्टर (मानद), प्रोफेसर राम अवतार ने.

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क्या आयुर्वेद में नॉन -वेज खाना सही माना गया है? Is Eating Non-veg Food Considered Right in Ayurveda?

प्रोफेसर राम अवतार ने बताया कि भले ही मानव अपने खाने-पीने का ध्यान रखता है. लेकिन, फिर भी वह खुद को रोगों से नहीं बचा पा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि मानव नॉन- वेज का सेवन ज्यादा कर रहा है. उन्होंने कहा, हमारे वातावरण में कई तरह की बीमारियां हैं, जिससे मानव जूझ रहा है और वहीं बीमारियां उन जानवरों में भी आती होगी, जिन्हें वह नॉन- वेज के रूप में खाता है. ऐसे में जब मानव नॉन-वेज का सेवन करता है, तो वह खुद को बीमारियों से बचा नहीं पता है.

कुदरत के खिलाफ जा रहा है इंसान- (Human Is Going Against Nature)

प्रोफेसर राम अवतार ने कहा, भले ही आज के समय में लोग नॉन-वेज का सेवन कर रहे हैं. लेकिन, सबसे पहली बात ये है नॉन-वेज का सेवन कुदरत के अनुसार ठीक नहीं है. कुदरत ने हमें कई प्रकार की शाकाहारी चीजें दी हैं, जिनका हमें सेवन करना चाहिए. जैसे अनाज, हरी सब्जियां, ड्राई- फ्रूट्स आदि.

वहीं प्रोफेसर ने आगे बताया, देखिए नॉन वेज का सेवन करने से हम बीमार पड़ सकते हैं. इसी के साथ ये डाइजेस्ट जल्दी नहीं होता है. वहीं उन्होंने कहा अंडे खाने से भी परहेज करना चाहिए.

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आर्युवेद में कैसा होना चाहिए खान- पान- (How Should Be the Diet in Ayurveda)

आयुर्वेदिक डाइट में  मौसम के अनुसार खाने की सलाह दी जाती है. जिसमें सभी छह स्वादों (मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा, तीखा, कसैला) को शामिल किया जाता है. इसी के साथ आयुर्वेद में प्रोसेस्ड फूड, कोल्ड ड्रिंक, जरूरत से ज्यादा चीनी और नमक को न खाने की सलाह दी जाती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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