नवरात्रि के नौ दिनों तक उत्तर भारत में मां दुर्गा की उपासना की जाती है, इसके साथ ही बंगाल में इसी समय को दुर्गा पूजा के तौर पर मनाया जाता है. इन्हीं दिनों के अंत में वियज दशमी (Vijayadashami 2021) पर दशहरा मनाया जाता है. दहशरे (Dussehra 2021) के साथ ही दुर्गा पूजा की समाप्ती और मां दुर्गा (Maa Durga) की विदाई की जाती है. माना जाता है कि महानवमी (Mahanavmi 2021) को शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा (Maa Shakti) ने महिषासुर का वध किया था. इसलिए इसके अगले दिन असुर पर माता की जीत को विजय दशमी (Dashami) के रूप में मनाया जाता है. विजय दशमी पर जहां एक ओर खुशी मनाई जाती है तो वहीं ये मां की विदाई का दिन भी होता है. बंगाल सहित देश के अन्य हिस्सों में जहां भी पंडालों में देवी प्रतिमाओं को विराजमान किया जाता है, विजय दशमी पर पूजा अर्चना के बाद प्रतिमा विसर्जित करने की परंपरा है.
सिंदूर खेला का खास महत्व (Significance Of Sindoor Khela)
विजयादशमी (Vijayadashami 2021) पर पंडालों में महिलाएं सिंदूर खेला (Sindoor Khela) करती हैं. मां की विदाई से पहले विवाहित महिलाएं उनकी प्रतिमा पर सिंदूर लगाती हैं फिर वहीं सिंदूर एक दूसरे को भी लगाती हैं. जैसे होली पर अबीर या गुलाल लगाते हैं उसी तरह इस दिन पंडालों में महिलाएं पूरे धूमधाम से सिंदूर खेला करती हैं.
विजयादशमी यानी कि दशहरा (Dussehra 2021) खुशियां मनाने का त्योहार है. इस दिन पंडालों में देवी की प्रतिमा विसर्जित करने के पहले उन्हें कई पकवान भी चढ़ाए जाते हैं. हालांकि देश भर के अलग-अलग प्रांतों में ये परंपरा अलग-अलग तरीके से निभाई जाती है. कहीं पंडाल में खिचड़ी का भोग लगाया जाता है तो वहीं कई जगह मीठा बनाया जाता है. वहीं दक्षिण भारत में तो मुरुकुलू और हलवा आदि बनाए जाते हैं.
Significance Of Sindoor Khela: वियज दशमी (Vijayadashami 2021) पर दशहरा मनाया जाता है.
बनाए जाते हैं ये पकवान (Sindoor Khela (Vermillion game) recipes)
भोग की खिचड़ी
भोग की खिचड़ी के लिए मूंग की दाल का इस्तेमाल करें. चावल और दाल को भिगो कर रख लें. अब गाजर, शिमला मिर्च, मटर और आलू को एक पैन में डालकर फ्राई करें. इसमें मसाले ऐड करें, साथ में थोड़ा नमक डालें. अब चावल और दाल डालें और पानी डाल कर इसे पकाएं. ध्यान रखें इसमें प्याज न डालें.
हलवा
कढ़ाई में घी गर्म करें अब इसमें सूजी को डाल कर अच्छे से सेंके. जब सूजी गोल्डन कलर की हो जाए तब इसमें चीनी मिलाएं और अब इसमें दूध मिलाएं. जब सूजी पक जाए तब गैस बंद कर दें. भोग के हलवे पर काजू, बादाम और पिस्ता डाल कर उसे सजाएं.
सेवइयां खीर
इसके लिए सबसे पहले सेवई को घी में भूनें. इसके बाद दूध को पैन में रखकर उबालें. दूध को मध्यम आंच पर गाढ़ा होने दें. अब इसमें सेवई डालें और अच्छे से पकने दें. जब सेवई उंगलियों से मसली जाने लगे यानी अच्छे से पक गई हो तब इसमें चीनी डालें और मिक्स करें. सर्व करने से पहले सेवई में ड्राई फ्रूट्स जरूर ऐड करें.
दही वड़े
दही वड़े, भोग के लिए तो इस्तेमाल नहीं होते लेकिन उत्तर भारत में इसे विजयदशमी पर बनाने की परंपरा है. इसके लिए उड़द की दाल को रात में ही भिगो कर रख लें. सुबह अच्छे से धोकर इसे मिक्सर में पीस लें. अब इसमें हींग, काली मिर्च, नमक, इलायची, जीरा आदि डाल कर अच्छे से मिलाएं. इस पेस्ट को अच्छे से मिलाना है ताकि वड़े नरम बनें. अब पैन में तेल गर्म कर चिपटे या गोल आकार में वड़े को फ्राई कर लें.
मुरुकुलू
ये दक्षिण भारत का पारंपरिक व्यंजन है जिसे विजयादशमी पर मां को चढ़ाया जाता है. इसे चावल के आटे और बटर से बनाते हैं. ये क्रंची नमकीन डिश दुर्गा पूजा पर विशेष रूप से बनाई जाती है.\