Chai Shayari For Lover in Hindi: सुबह की शुरुआत गर्मागर्म चाय के प्याले (Tea Lover) के साथ हो तो पूरा दिन बन जाता है. ये चाय ही तो है जो अपनों को अपनों से जोड़ती है. दोस्ती के न जाने कितने किस्से, कितनी यादें उन्हीं नुक्कड़ों पर तो बनती बिगड़ती हैं जहां चाय के प्याले (Funny chai kavita hindi) बंटते चले जाते हैं. चाय का गर्मागर्म एक प्याला (Ek Pyala Chai) न जाने कितने गिले शिकवे मिटाकर दोस्ती को मजबूत करता है और मोहब्बत की बात भी तो इसी प्याले के नाम से होती है. इस लेख में चाय के दीवानों यानी Chai Lover और चाय पर शायरी (Chai Shayari) शेयर की है.
Tea Shayari In Hindi: लेट्स हेव ए कप ऑफ टी- ये जुमला दिल की हर गिरह को खोल देता है. फिर शेरों शायरी की दुनिया भला ही इस चाय की गर्माहट को कैसे मिस करती. एक गर्म चाय की प्याली और साथ में पिलाने वाली और कुछ शायरी हो तो माहौल यादगार बन जाता है. ऐसे मौके आपके सामने भी आते हैं लेकिन काफिया न मिला पाने की वजह से आप शायरी (Shayari) सुनाने से महरूम रह जाते हैं. तो यहां मौजूद हैं कुछ ऐसी शायरियां जो चाय के प्याले को और दिलचस्प बना देंगी. इनमें से कुछ शेर सोशल मीडिया पर जमकर साझा किए जा रहे हैं.
तो हो जाए जरा चाय पर शायरी (Tea Lover Shayari, Status, Quotes and Images)
एक गिलासी, दो गिलासी, तीन गिलासी चार
आज पैसे घर भू आया, तू चाय पिला दे यार...
शायर : नया नया चाय प्रेमी
अरे कभी खुद के लिए भी जिया करो
कोई दे या न दे बना कर तुमको
चाय तो तुम बस अपने हाथ से बनाकर पिया करो
शायर : कोई अज्ञात चाय का दीवाना
मेरी जिंदगी की सुबह, शाम या कोई भी रात हो
एक प्याली चाय हो और दूसरा तुम्हारा साथ हो
शायर : अज्ञात बिछड़ा चाय प्रेमी
मैं जानता नहीं बदलना, मौसम की तरह
मैंने तुम्हें चाहा है सुबह की चाय की तरह
शायर : कोई अज्ञात, जिसे चाय से बहुत प्यार है
जीने का मजा है इश्क करने में
पर असली मजा तो तब है
जब प्यार ऐसा मिले
जो झिझक न करे भरी गर्मी में चाय पीने में
शायर : कोई अज्ञात चाय का चासड़ू
मिलो न कभी चाय पर, वही पुराने किस्से सुनेंगे
तुम बस बोलती रहना, हम खामोश होकर चुस्कियों में सुनेंगे
शायर : कोई अज्ञात चाय का दीवाना
असली दीवाना तो वो है जो कहे
'गर्मी की ऐसी कि तैसी, भाई तू बस चाए पिला मलाई मार कर'
शायर : कोई अज्ञात चाय का दीवाना
न चांद ला सकता हूं, न तारे तोड़ सकता हूं
जमीन से जुड़ा आशिक हूं यार तुम्हारे लिए चाय बना सकता हूं
शायर : कोई अज्ञात चाय का दीवाना
अपनी अपनी आदत होती है मेरे दोस्त
वो आज भी बेवफा है, और हम भरी गर्मी में चाय से वफा निभा रहे हैं
शायर : कोई अज्ञात, जिसे चाय से बहुत प्यार है