Navratri 2021 Mata Kushmanda: नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा मां कुष्ठमांडा ने अपने उदर से ब्रह्मांड को उत्पन्न किया था. माना जाता है जो भक्त मां के इस रूप की आराधना करते हैं, उनपर कभी किसी प्रकार का कष्ट नहीं आता. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां कुष्मांडा की पूजा करने से आयु, यश, बल और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है. कुष्मांडा देवी को अष्टभुजा भी कहा जाता है. इनकी आठ भुजाएं हैं. अष्टभुजा देवी अपने हाथों में धनुष, बाण, कमल-पुष्प, कमंडल, जप माला, चक्र, गदा और अमृत से भरपूर कलश रखती हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की अलग-अलग तरह से पूजा की जाती है, और माता के हर रूप को अलग-अलग तरह के पकवानों का भोग लगाया जाता है. माता कूष्मांडा को हलवे का भोग लगाया जाता है.
नवरात्रि स्पेशल कद्दू का हलवाः
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की अलग-अलग तरह से पूजा की जाती है, और माता के हर रूप को अलग-अलग तरह के पकवानों का भोग लगाया जाता है. माता कूष्मांडा को हलवे का भोग लगाया जाता है. आप माता को कद्दू के हलवे का भोग लगा सकते हैं. कद्दू के हलवे को नवरात्रि व्रत में भी खाया जा सकता है. इसको बनाना बहुत ही आसान है इस हलवे को बनाने के लिए कद्दू, घी, बादाम, चीनी, दालचीनी स्टिक, किशमिश और नारियल की जरूरत होती है. पूरी रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.
आप माता को कद्दू के हलवे का भोग लगा सकते हैं.
मां कूष्मांडा पूजा विधिः (Mata Kushmanda Pujan Vidhi)
नवरात्रि के चौथे दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं. इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें. फिर मां कूष्मांडा का स्मरण करके उनको धूप, गंध, अक्षत्, लाल पुष्प, सफेद कुम्हड़ा, फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान अर्पित करें. अब मां कूष्मांडा को हलवा और दही का भोग लगाएं. फिर उसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण कर सकते हैं. पूजा के अंत में मां कूष्मांडा की आरती करें.
मां कूष्माण्डा मंत्रः (Mata Kushmanda Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्मांडा रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
डॉक्टरों ने कहा था Count Your Days,अब कैंसर को हरा खुशियां गिन रहा है अमित
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.