"हम पहले से ही पर्यावरण से जुड़े, गंगा को मां कहते हैं": इंडिया सस्टेनेबिलिटी समिट में प्रह्लाद जोशी

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने NDTV के इंडिया सस्टेनेबिलिटी समिट में हरित ऊर्जा की संभावनाओं पर कहा कि हरित ऊर्जा को भी मास मूवमेंट में बदलने की जरूरत है. पूरी तरह से विकसित होने के लिए समावेशी विकास जरूरी है. पृथ्वी ही सुरक्षित नहीं रहेगी तो क्या बचेगा.  

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नई दिल्ली:

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने NDTV के इंडिया सस्टेनेबिलिटी समिट में हरित ऊर्जा की संभावनाओं पर कहा कि हरित ऊर्जा को भी मास मूवमेंट में बदलने की जरूरत है. पूरी तरह से विकसित होने के लिए समावेशी विकास जरूरी है. पृथ्वी ही सुरक्षित नहीं रहेगी तो क्या बचेगा.  

  1. NDTV के इंडिया सस्टेनेबिलिटी समिट में केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य है. 
  2. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि हम बहुत पहले से पर्यावरण से जुड़े हैं. हमें पहले से पता था सूर्य में एनर्जी है. हम लंबे समय से सूर्य नमस्कार कर रहे हैं.
  3. उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी सोच में बदलाव लाना है. एनर्जी सिक्योरिटी के साथ हमें शिफ्ट होना है. इसमें भी हमें जागरूकता की जरूरत है. 
  4. हरित ऊर्जा पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि हरित ऊर्जा के क्षेत्र में जिम्मेदारी मिली है. अगली पीढ़ी के लिए धरती सुरक्षित रखनी है.
  5. अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में श्रृष्टि को देवता माना गया है. हम नेचर के सबसे ज्यादा करीब हैं.हमारे पूर्वजों ने प्रकृति का बहुत सम्मान किया है.
  6. उन्होंने आगे कहा आज भी हम गंगा को गंगा मां कहकर बुलाते हैं. भारत में ये वैल्यूज अभी भी बचे हैं. हमारे देश में पेड़ की भी पूजा होती है.
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  8. प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सूरज जीवन का स्रोत है. शरीर में विटामिन D की कमी होने पर सुबह सूरज की रोशनी में बैठने की सलाह दी जाती रही है.
  9.  महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गांधी जी एक किसी भी मूवमेंट को मास मूवमेंट में बदल देते थे. ये उनकी उपलब्धि थी. हमें भी ऐसा करना होगा. हम भी इस मूवमेंट को मास मूवमेंट में बदलकर रहेंगे. 
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  11.  प्रह्लाद जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे पास पैसा है पावर है, इसलिए हमें अब अपनी सोच में बदलाव लाना है. बैगर पृथ्वी को बचाए हम आगे बढ़ने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं.
  12.  इंडिया सस्टेनेबिलिटी समिट में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने अब टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सूर्य और वायु से मिलने वाली एनर्जी को एक पक्की व्यवस्था में ढाल कर आगे बढ़ने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. 
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