नीतीश कुमार की पार्टी ने बीजेपी पर साधा निशाना, एनडीए गठबंधन में बढ़ा तनाव; 10 बड़ी बातें

सबसे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी को लेकर जदयू और बीजेपी के बीच विवाद देखने को मिला था. जब जदयू ने बीजेपी के सांकेतिक हिस्सेदारी के ऑफर को ठुकरा दिया था.

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नई दिल्ली:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को जनता दल (यूनाइटेड) के सभी विधायकों और सांसदों की एक बैठक बुलाई है, जिसे लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह बीजेपी के खिलाफ कोई फैसला लेने वाले हैं. साल  2020 के विधानसभा चुनाव के बाद कई ऐसे कारण हैं जिस कारण से दोनों ही दलों के बीच तनाव बढ़ता ही गया है. सबसे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी को लेकर जदयू और बीजेपी के बीच विवाद देखने को मिला था. जब जदयू ने बीजेपी के सांकेतिक हिस्सेदारी के ऑफर को ठुकरा दिया था.

  1.  सबसे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी को लेकर जदयू और बीजेपी के बीच विवाद देखने को मिला था. जब जदयू ने बीजेपी के सांकेतिक हिस्सेदारी के ऑफर को ठुकरा दिया था.
  2. आरसीपी सिंह के अध्यक्ष रहते हुए जदयू कोटे से आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री बने थे लेकिन पिछले महीने नीतीश कुमार की पार्टी ने आरसीपी सिंह को राज्यसभा का टिकट नहीं दिया. जिस कारण उन्हें नरेंद्र मोदी कैबिनेट से त्यागपत्र देना पड़ा था. 
  3. जदयू में लगातार हो रही उपेक्षाओं के बीच शनिवार को आरसीपी सिंह ने जदयू को अलविदा कह दिया. इस दौरान उन्होंने पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए.
  4. भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी और कभी जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके आरसीपी सिंह ने जदयू छोड़ने के समय कहा कि मेरे खिलाफ एक साजिश हुई है क्योंकि मैं केंद्रीय मंत्री बन गया था. साथ ही उन्होंने कहा कि  मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि ईर्ष्या का कोई इलाज नहीं है.
  5. नीतीश कुमार पर हमला करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि  "नीतीश कुमार अपने सात जन्मों में से किसी में भी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे."
  6. आरसीपी सिंह के हमलों के बाद रविवार को नीतीश कुमार ने अपने शीर्ष नेताओं को जवाब के लिए मीडिया के सामने भेजा. नेताओं ने आरसीपी सिंह के अवैध संपत्ति सौदों का हवाला देते हुए उनके ऊपर हमला बोला.
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  8. जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन (ललन) सिंह ने न सिर्फ आरसीपी सिंह द्वारा किए गए हमलों का जवाब दिया. बल्कि उन्होंने गठबंधन पार्टी भाजपा को भी धमकी दे दी. राजीव रंजन ने संवाददाताओं से कहा, "केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की क्या जरूरत थी? मुख्यमंत्री ने 2019 में फैसला किया था कि हम केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं होंगे." उन्होंने कहा कि जद (यू) निकट भविष्य में भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा.
  9. बताते चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही मे स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस सप्ताह के अंत में दिल्ली में सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग की बैठक से दूरी बना ली थी.  जिसमें पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सहित 23 मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया था. अनुपस्थिति को  कुमार द्वारा भाजपा पर गुस्से के एक और प्रदर्शन के तौर पर भी देखा गया है.
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  11. आरसीपी सिंह ने केंद्र में मंत्री पद के लिए मोदी सरकार के साथ सीधे बातचीत करने के आरोप से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने नीतीश कुमार से कैबिनेट विस्तार के बारे में बात की थी और इस शर्त पर पार्टी को एक बर्थ देने की पेशकश की थी कि आरसीपी सिंह खुद केंद्रीय मंत्री बनेंगे.
  12. ललन सिंह द्वारा मीडिया के सामने चिराग मॉडल की बात करने पर चिराग पासवान ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा  है कि मैं सकारात्मक राजनीति करता हूं. किसी का कोई मॉडल नहीं हूं. दूसरे का घर तोड़ने वाले के घर में ही आज फूट हो गयी है. बेहतर होगा कि वे कारणों को बाहर चौराहे पर ना तलाशे.
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