इमरान ख़ान का यॉर्कर? अविश्वास प्रस्ताव ख़ारिज, तीन महीने में होंगे चुनाव; पाक सियासी संकट की 5 बड़ी बातें

इमरान खान, जिन्होंने 1992 में अपनी एकमात्र विश्व कप जीत के लिए पाकिस्तान की कप्तानी की थी, ने पहले संकेत दिया था कि उनके पास खेलने के लिए अभी भी एक कार्ड है

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पाकिस्तान में डिप्टी स्पीकर ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.

इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर रविवार को नेशनल असेंबली भंग कर दी. इससे कुछ मिनट पहले ही नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष ने उनके खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. खान ने राष्ट्रपति को मध्यावधि चुनाव कराने की सलाह दी है.

  1. इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने पर आवाम को बधाई देते हुए कहा कि उपाध्यक्ष ने ‘‘सरकार बदलने की कोशिश और विदेशी षडयंत्र को नाकाम'' कर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मुल्क नए चुनावों के लिए तैयार रहे.'' उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव असल में एक ‘‘विदेशी एजेंडा'' है.
  2. संसद के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्ष की ओर से पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को पाकिस्तान के संविधान और नियमों के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया. सूरी ने विपक्षी सांसदों के प्रदर्शन के बीच कहा, “अविश्वास प्रस्ताव देश के संविधान और नियमों के मुताबिक होना चाहिए. चूंकि कानून मंत्री ने इसका जिक्र नहीं किया है, इसलिए मैं अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करता हूं.”
  3. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (PML-N) के नेता शहबाज शरीफ ने कहा, "इस दिन को पाकिस्तान के संवैधानिक इतिहास में एक काले दिन के रूप में याद किया जाएगा." पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता मुस्तफा नवाज़ खोखर ने कहा कि विपक्ष संसद के अंदर धरना दे रहा है और परिसर नहीं छोड़ेगा.
  4. इमरान खान ने अमेरिका पर पाकिस्तान के मामलों में दखल देने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि विपक्ष उन्हें हटाने के लिए वाशिंगटन के साथ साजिश कर रहा है क्योंकि पाक रूस और चीन के खिलाफ वैश्विक मुद्दों पर अमेरिका और यूरोप के साथ नहीं है.
  5. इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने पिछले हफ्ते 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में बहुमत खो दिया जब गठबंधन के एक प्रमुख सहयोगी ने कहा कि उसके सात सांसद विपक्ष के साथ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करेंगे. सत्तारूढ़ दल के एक दर्जन से अधिक सांसदों ने भी संकेत दिया कि वे इमरान सरकार के खिलाफ जाएंगे.
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