अरविंद केजरीवाल ने बजट पर ट्वीट कर लिखा, "दिल्ली के सब लोग आज मनीष सिसोदिया को बहुत मिस कर रहे हैं."
केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच दो दिनों तक चली खींचतान के बाद आज दिल्ली का बजट ( Delhi budget) पेश किया गया. गृह मंत्रालय ने बुनियादी ढांचे, विज्ञापनों के लिए कुछ आवंटनों पर शुरू में आपत्ति जताने के बाद कल दिल्ली के बजट को मंजूरी दी थी. वित्तमंत्री कैलाश गहलोत ने पहली बार बजट पेश किया. दिल्ली में 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद ये नौंवा बजट है. इससे पहले के सभी 8 बजट मनीष सिसोदिया ने पेश किए थे.
- अरविंद केजरीवाल ने बजट पर ट्वीट कर लिखा, "आज दिल्ली का बजट पेश किया जाएगा. दिल्ली के सब लोग आज मनीष सिसोदिया को बहुत मिस कर रहे हैं, पर उनके काम रुकने नहीं देंगे. उनके द्वारा शुरू किए गए सभी काम दोगुनी स्पीड से किए जाएंगे."
- आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के स्पष्टीकरण के बाद मंगलवार शाम केंद्र सरकार ने दिल्ली के बजट को विधानसभा में पेश करने को मंजूरी दी. बजट मंगलवार को ही विधानसभा में पेश किया जाना था, लेकिन केंद्र सरकार ने अरविंद केजरीवाल सरकार से उपराज्यपाल द्वारा बताई गई चिंताओं को दूर करने के बाद बजट फिर से भेजने को कहा था.
- सूत्रों के अनुसार, केंद्र ने दिल्ली सरकार को विज्ञापनों के लिए उच्च आवंटन और बुनियादी ढांचे और अन्य विकास योजनाओं के लिए कम धन आवंटित करने पर स्पष्टीकरण मांगा था.
- आरोपों से इनकार करते हुए, दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा था कि 78,800 करोड़ रुपये के बजट में 22,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे के लिए और 550 करोड़ रुपये विज्ञापनों के लिए निर्धारित किए गए थे.
- कल विधानसभा में बोलते हुए, अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार की आपत्तियों को असंवैधानिक और निराधार बताया. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बजट को "बिना किसी बदलाव के" मंजूरी दी गई थी. साथ ही अरविंद केजरीवाल ने बजट को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजने की प्रथा पर भी सवाल उठाया था.
- भाजपा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार तीन दिनों तक मांगे गए स्पष्टीकरण पर बैठी रही और फिर "सस्ती लोकप्रियता" हासिल करने के लिए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया.
- भाजपा 2015 से दिल्ली सरकार पर अपना विज्ञापन करने के लिए सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का आरोप लगा रही है.
- यहां तक कि 2021 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी आम आदमी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि देश में दो राजनीतिक संस्कृतियां हैं, एक मूक कार्यकर्ता है और दूसरी है "करो या ना करो, विज्ञापन करते रहो. टीवी पर इंटरव्यू देते रहो."
- पिछले साल दिसंबर में लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने आदेश दिया था कि विज्ञापनों पर अवैध रूप से खर्च किए गए 163.62 करोड़ रुपये "आप" सरकार वापस करे. सूचना और प्रचार निदेशालय द्वारा जारी इस वसूली नोटिस के बाद बड़ा राजनीतिक विवाद हुआ था.
- तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इशारा किया था कि भाजपा के मुख्यमंत्रियों के विज्ञापन दिल्ली के अखबारों में भी छपते हैं. उन्होंने सवाल किया था, 'क्या भाजपा उनसे भी पैसे वसूलेगी.'
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