जोशीमठ शहर में अब तक 603 इमारतों में दरारें आ चुकी हैं.
उत्तराखंड का मशहूर जोशीमठ कस्बा लगातार धंसता जा रहा है, जिस वजह से इस जगह के अस्तित्व पर ही खतरा मंडराने लगा है. ऐसे में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार की तरफ से कई अहम कवायद की जा रही है.
धंसते जोशीमठ से जुडे ताजा अपडेट्स
- सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक टीम सोमवार को मुआवजे के लिए भवनों को हुए नुकसान का जायजा लेने जोशीमठ पहुंची. टीम आज ही अपनी समीक्षा रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप देगी.
- एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि धंसता जोशीमठ, जो सरकार को स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए मजबूर कर रहा है, उसे संभावित खतरे के आधार पर 3 क्षेत्रों में बांटा गया है.
- चमोली जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, जोशीमठ में अब तक 603 इमारतों में दरारें आ चुकी हैं. प्रशासन ने शहर को तीन जोन 'डेंजर', 'बफर' और 'पूरी तरह सुरक्षित' जोन में बांट दिया है.
- जो क्षेत्र पूरी तरह से असुरक्षित है, जिसे तुरंत खाली करना है, उसे डेंजर जोन कहा गया है. बफर जोन वह जोन है जो वर्तमान में सुरक्षित है लेकिन भविष्य में खतरे में पड़ सकता है. और तीसरा पूरी तरह से सुरक्षित क्षेत्र है.
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सचिव, आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि प्रशासन खतरे और बफर जोन का आकलन करने के लिए एक सर्वेक्षण कर रहा है. अधिकारी ने कहा कि प्रशासन वहां रह रहे पेशेवरों के बारे में भी आंकड़े जुटा रहा है.
- जोशीमठ में सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त इमारतों को एनआईएम और पीडब्ल्यूडी की निगरानी में तोड़ा जाएगा. प्रशासन इसकी तैयारी कर रहा है.
- उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम मोदी ने जोशीमठ में भूस्खलन के मद्देनजर राज्य को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. सीएम ने कहा कि पीएम ने जोशीमठ के हालात की जानकारी ली है और नियमित अपडेट ले रहे हैं.
- सोमवार को जिला प्रशासन ने कहा कि प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए राहत शिविरों में बुनियादी सुविधाओं का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है.
- अधिकारियों ने बताया कि कुल 68 परिवार अस्थायी रूप से विस्थापित हुए हैं. जोशीमठ शहर क्षेत्र में, 1271 की अनुमानित क्षमता के साथ, 229 कमरों को अस्थायी रूप से रहने योग्य के रूप में चिन्हित किया गया है.
- आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 और 34 के तहत जीवन और संपत्ति के जोखिम पर विचार करने के बाद, अत्यधिक भूस्खलन की संभावना वाले और असुरक्षित माने जाने वाले क्षेत्रों से निवासियों को तुरंत खाली करने का भी आदेश दिया है.
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