शनि का कुंडली के दूसरे भाव में कैसा होता है प्रभाव, जानिए कुछ खास बातें

Kundli 2nd House: कुंडली का दूसरा भाव परिवार, धन, संस्कार, नैतक मूल्य, भोजन, संपत्ति के साथ ही आंख, कान, नाक और चेहरे आदि का कारक होता है और इस भाव में शनि का प्रभाव इसपर देखने को मिल सकता है.

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Shani dev upay : दूसरे भाव में शनि का प्रभाव आपकी वाणी पर देखने को मिल सकता है.

Shani grah ka prabhav : कुंडली का दूसरा भाव आर्थिक मामलों को दर्शाता है. ऐसे में इसे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. चूंकि शनि को एक अशुभ ग्रह माना जाता है, ऐसे में इसके प्रभाव भी देखने को मिलते हैं. शनि को न्याय का देवता माना जाता है. ऐसे में जातक को शनिदेव कैसा फल देते हैं, यह उसके अपने व्यवहार और सत्कर्मों पर ही निर्भर करता है. दूसरे भाव में शनि के कारण आर्थिक मामलों को लेकर थोड़ी परेशानी हो सकती है. कार्यक्षेत्र में भी शनि के कारण परेशानी हो सकती है. कुंडली का दूसरा भाव परिवार, धन, संस्कार, नैतक मूल्य, भोजन, संपत्ति के साथ ही आंख, कान, नाक और चेहरे आदि का कारक होता है और इस भाव में शनि का प्रभाव इसपर देखने को मिल सकता है.

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शनि के सकारात्मक प्रभाव

शनि के सकारात्मक प्रभाव की बात करें, शनि के प्रभाव से जातक की शुरुआती स्थिति कमजोर हो सकती है, लेकिन बाद में जीवन में उन्हें सफलता मिलती है. जातक को बिजनेस में लाभ होने के साथ ही जमीन-जायदाद से भी लाभ हो सकता है. वैसे तो जातक की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है, लेकिन अपने जन्मस्थान पर खास उन्नति नहीं होती. ऐसे में उसे कहीं दूर स्थान की यात्रा करनी पड़ सकती है. वैसे तो ये कम खर्च करते हैं, लेकिन धन संग्रह में परेशानी हो सकती है. इससे बचने के लिए उन्हें निवेश करने की सलाह दी जाती है. शनि को कड़ी मेहनत और गंभीर दृष्टिकोण पसंद होता है और अगर व्यक्ति जीवन में सही पथ पर चलता है, तो उसे सकारात्मक परिणाम मिलते हैं.

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शनि के नकारात्मक प्रभाव

दूसरे भाव में शनि का प्रभाव आपकी वाणी पर देखने को मिल सकता है. शनि के प्रभाव से जातक कभी मधुर वाणी बोलेगा, तो कभी उसकी वाणी में कटुता देखने को मिल सकती है. जातक को बचपन से ही नशे की लत भी हो सकती है. चूंकि शनि काफी धीमी चाल चलते हैं, ऐसे में व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. शनि के नकारात्मक प्रभाव के कारण जातक के आय में उतार-चढ़ाव की स्थिति भी देखने को मिल सकती है.

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वैवाहिक जीवन पर प्रभाव

इस भाव में शनि वैवाहिक जीवन में भी अड़चन पैदा कर सकते हैं. हालांकि, उचित पूजा कर शनि के इस दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है. इस भाव में शनि के स्थित होने के कारण दो विवाह की स्थिति भी बन सकती है. काम के सिलसिले में यात्रा के कारण परिवार से दूरी भी हो सकती है. शनि के प्रभाव के कारण जातक को प्रेम संबंधों में भी समस्या हो सकती है. पारिवारिक माहौल भी तनावपूर्ण हो सकता है. हालांकि, जातक को अपने रिश्तेदारों से मिलने के भी मौके मिलते हैं.

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करियर पर प्रभाव

कुंडली के दूसरे भाव में शनि का करियर पर अहम प्रभाव देखने को मिलता है. इस भाव में शनि के प्रभाव से जातक को व्यापार में लाभ हो सकता है. प्रॉपर्टी से भी फायदा होता है. व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में भी सफलता मिलती है. जातक धैर्यवान होता है और बढ़ती उम्र के साथ उसे लाभ होता है. जातक सुख और समृद्धि की तलाश में घर से दूर या विदेश की यात्रा पर भी जा सकता है. फाइनेंसर आदि जैसे काम व्यक्ति के लिए उपयुक्त होते हैं. वैसे तो जातक अपने पेशेवर जीवन में दृढ़ होते हैं, लेकिन कई चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं. हालांकि, कड़ी मेहनत और समर्पण से आप इन चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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