Aaj Ka Panchang: वरुथिनी एकादशी व्रत का पारण आज, पंचांग के मुताबिक जानें शुभ मुहूर्त

Aaj Ka Panchang: पंचांग (Today Panchang) के मुताबिक आज वैशाख कृष्ण पक्ष (Vaishakh Krishna Paksha) की द्वादशी (Dwadashi) तिथि है. वरूथिनी एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा.

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Aaj Ka Panchang: आज वरुथिनी एकादशी व्रत का पारण (Varuthini Eksdashi Parana) किया जाएगा.

Aaj Ka Panchang: पंचांग (Today Panchang) वैशाख कृष्ण पक्ष (Vaishakh Krishna Paksha) की द्वादशी (Dwadashi) तिथि है. सूर्योदय 5 बजकर 44 मिनट पर है. सूर्यास्त का समय शाम 6 बजकर 54 मिनट है. राहु काल दोपहर 12 बजकर 19 मिनट से 1 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. पूर्व भाद्रपद सुबह 11 बजकर 01 मिनट से शाम 5 बजकर 5 मिनट तक है. इसके अलावा आज वरुथिनी एकादशी व्रत का पारण (Varuthini Eksdashi Parana) किया जाएगा. एकादशी व्रत का पारण हरिवासर के दौरान नहीं किया जाता है. आइए जानते हैं आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) और वरूथिनी एकादशी व्रत के पारण का सही समय (Varuthiti Ekadashi Vrat Parana Time). 

26 अप्रैल 2022 का पंचांग, शुभ मुहूर्त  (26 April Panchang Shubh Muhurat) 


ब्रह्म मुहूर्त-  सुबह 04:17 से 05:01 बजे तक

अभिजित मुहूर्त- कोई नहीं

विजय मुहूर्त- 02:31 पी एम से 03:23 पी एम 

गोधूलि मुहूर्त-शाम 06:41 से 07:05 बजे तक

अमृत काल- 9:02 ए एम से 10:39 ए एम तक

अशुभ समय (Ashubh Muhurat)


राहु काल- दोपहर 12 बजकर 19 मिनट से शाम 01 बजकर 58 मिनट तक 

यमगण्ड- सुबह 07 बजकर 23 मिनट से 09 बजकर 02 मिनट तक 

विडाल योग- शाम 5 बजकर 05 मिनट से देर रात 12 बजकर 46 मिनट तक

दुर्मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक 

गुलिक काल- सुबह 10 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 19 मिनट तक

आज का पंचांग (Aaj ka Panchang)


आज का योग- इंद्र 

आज का वार- बुधवार

आज का पक्ष- कृष्ण पक्ष

आज की तिथि- द्वादशी (वरुथिनी एकादशी पारण तिथि) 

सूर्योदय- 5 बजकर 44 मिनट पर 

दिशा शूल- उत्तर

चंद्र वास- पश्चिम

राहु वास- दक्षिण-पश्चिम

नक्षत्र शूल- दक्षिण (शाम 5 बजकर 55)

ऋतु- ग्रीष्म

वरुथिनी एकादशी व्रत का पारण समय


पंचांग (Panchang Today) के मुताबिक 27 अप्रैल यानी आज वरुथिनी एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा. पारण का समय सुबह 6 बजकर 41 मिनट से 8 बजकर 22 मिनट तक है. हरिवासर समाप्त होने का समय सुबह 6 बजकर 41 मिनट है. 

पारण क्या होता है?


एकादशी के व्रत को समाप्त करने की विधि को पारण कहते हैं. पारण एकादशी व्रत के अगले दिन यानी द्वादशी को सूरज निकलने के बाद किया जाता है. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले कर लेना चाहिए. अगर द्वादशी तिथि समाप्त हो गई हो तो व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही करना चाहिए. व्रत तोड़ने के लिए हरि वासर खत्म होने की प्रतिक्षा करनी चाहिए, क्योंकि एकादशी व्रत का पारण हरिवासर के दौरान नहीं किया जाता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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