Tulsi Tips: ऐसे कुछ पौधे हैं जिनकी अत्यधिक धार्मिक मान्यता होती है और ऐसा ही एक पौधा है तुलसी का. धार्मिक मान्यतानुसार तुलसी के पौधे (Tulsi Plant) का विशेष महत्व होता है. कहते हैं तुलसी के पौधे को घर में लगाया जाए तो जीवन में सुख-समृद्धि आती है. तुलसी को माता का दर्जा दिया जाता है और लक्ष्मी मां का रूप भी कहते हैं. वहीं, पौराणिक कथाओं के अनुसार, तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय होती हैं और इसीलिए एकादशी या अन्य विष्णु पूजा में तुलसी के पत्ते खासतौर से सम्मिलित किए जाते हैं. ऐसे में बहुत से लोग तुलसी का पौधा घर में लगाते हैं. लेकिन, तुलसी का पौधा लगाने से पहले कुछ जरूरी बातों को जान लेना जरूरी होता है. इन नियमों (Tulsi Niyam) का पालन करने पर ही घर में खुशहाली बनी रहती है.
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तुलसी का पौधा लगाने के नियम
- तुलसी के पौधे को लगाने की सही दिशा (Direction) पर ध्यान देना जरूरी होता है. दक्षिण या दक्षिणपूर्वी दिशा को तुलसी का पौधा लगाने के लिए अच्छा नहीं मानते हैं. तुलसी का पौधा लगाने की सबसे सही जगह उत्तर या उत्तरपूर्वी दिशा को माना जाता है.
- तुलसी का पौधा लगाने के लिए चौकोर आकार का गमला सबसे सही माना जाता है. इस तरह के गमले में तुलसी को लगाने पर अच्छे फल की प्राप्ति हो सकती है.
- घर में आजकल कई तरह के पौधे सीलिंग से टांग दिए जाते हैं. लेकिन, तुलसी के पौधे को सीलिंग से नहीं टांगना चाहिए. कहते हैं ऐसा करने पर बने बनाए काम भी बिगड़ सकते हैं.
- पूरे परिवार का एक-एक करके तुलसी पर जल चढ़ाना अच्छा नहीं मानते हैं क्योंकि इससे तुलसी की जड़ों को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में तुलसी पर एक या दो बार ही जल डालना चाहिए और पानी की मात्रा को ध्यान में रखना चाहिए.
- माना जाता है कि रविवार या एकादशी के दिन पर तुलसी पर जल अर्पित नहीं करना चाहिए. पौराणिक कथाओं के अनुसार मां तुलसी (Tulsi Mata) इन दिनों पर अपने आराध्य भगवान विष्णु के लिए उपवास रखती हैं और इन दिनों में उनपर जल चढ़ाने से उनका व्रत टूट सकता है.
- तुलसी पर यदि चुनरी चढ़ाई गई है तो उसे जस का तस हमेशा के लिए पड़े ना रहने दें. तुलसी पर चढ़ी चुनरी को भी वक्त-वक्त पर बदलते रहना चाहिए.
- माना जाता है कि तुलसी के पौधे को सूर्यास्त के बाद छूना नहीं चाहिए. सूर्यास्त के बाद और एकादशी के दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ना भी वर्जित माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)