First Solar eclipse of 2025: पृथ्वी और चंद्रमा की गति के कारण लगने वाले सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों महत्व है. विज्ञान के नजरिए से सूर्य ग्रहण भले ही खगोलीय घटना है लेकिन भारत में सूर्य ग्रहण का बहुत अधिक धार्मिक महत्व भी है. पृथ्वी सूर्य के चारों ओर, और चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है. इस क्रम में सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा के आ जाने पर कुछ समय के लिए सूर्य नजर नहीं आता है और इसे सूर्य ग्रहण कहते हैं. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार राहु ग्रह अपना बदला लेने के लिए समय-समय पर सूर्य को ग्रस्त कर लेता है और इसी कारण सूर्य नजर नहीं आते हैं. जिसके बाद सूर्य ग्रहण लगता है. हर साल सूर्य और चंद्र ग्रहण की घटनाएं होती हैं. भारत में सूर्य और चंद्र ग्रहण का धार्मिक महत्व है और इसे लेकर कई नियम भी हैं. आइए जानते हैं वर्ष 2025 का पहला सूर्य ग्रहण (Date of First Solar eclipse of 2025) कब लग रहा है, पहला सूर्य ग्रहण (First Solar eclipse of 2025) भारत में नजर आएगा या नहीं और इसके कारण लगने वाला सूतक काल कितने समय का होगा.
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वर्ष 2025 का पहला सूर्य ग्रहण (First Solar eclipse of 2025)
वर्ष 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च शनिवार को लगने वाला है. हिंदू पंचांग के अनुसार यह तिथि चैत्र अमावस्या की है. चैत्र अमावस्या के अलगे दिन से हिंदू नववर्ष और चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है. यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. जब चंद्रमा की परछाई सूर्य के पूरे भाग को नहीं ढककर एक हिस्से को ही ढकती है तो सूर्य ग्रहण आंशिक होता है. आंशिक सूर्य ग्रहण में पूरी तरह अंधेरा नहीं होता है.
वर्ष 2025 के पहले सूर्य ग्रहण का समय (Time of first Solar eclipse of 2025)
वर्ष 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 शनिवार को भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजकर 21 बजे से शाम 6 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और मीन राशि और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में लगेगा.
कहां आएगा नजर?
वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण यूरोपीय देशों और उत्तरी अमेरिका के पूर्वी इलाकों में नजर आएगा. साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण रात को लगने के कारण भारत में दिखाई नहीं देगा. भारत में नजर नहीं आने के कारण वर्ष के पहले सूर्य ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा. यह सूर्य ग्रहण बरमूडा, बारबाडोस, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, उत्तरी ब्राज़ील, फिनलैंड, जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, आयरलैंड, मोरक्को, ग्रीनलैंड, कनाडा का पूर्वी भाग, लिथुआनिया, हॉलैंड, पुर्तगाल, उत्तरी रूस, स्पेन, सूरीनाम, स्वीडन, पोलैंड, पुर्तगाल, नॉर्वे, यूक्रेन, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड और अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र आदि में देखा जा सकेगा.
सूतक काल
सूर्य ग्रहण लगने के समय के 12 घंटे पहले से सूतक काल मान्य होता है. इस दौरान मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं और किसी प्रकार के धार्मिक कार्य करने की मनाही होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को बाहर जाने से बचना चाहिए. इसके अलावा इस समय सुई धागे से कोई काम नहीं करना चाहिए.
पहला सूर्य ग्रहण है खास
वर्ष के पहले सूर्य ग्रहण के दिन शनि भी राशि परिवर्तन करने वाले हैं. 29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में गोचर करेंगे. शनि का राशि परिवर्तन और सूर्य ग्रहण का एक ही दिन होगा. जो दुर्लभ संयोग बना रहा है और इसका राशियों पर गहरा असर पड़ेगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)