Shattila Ekadashi 2023: जनवरी माह में षटतिला एकादशी मनाई जाती है. माघ के महीने में कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं. इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा-अर्चना की जाती है. माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन पूरे मन से पूजा-अर्चना करता है उसे पापों से मुक्ति मिलती है. साथ ही, मान्यतानुसार इस व्रत में दान-पुण्य भी किया जाता है. जानिए षटतिला एकादशी कब है व किस मुहूर्त में षटतिला एकादशी की पूजा (Shattila Ekadashi Pooja) की जानी है.
षटतिला एकादशी मुहूर्त | Shattila Ekadashi Muhurt
इस वर्ष जनवरी माह में 18 जनवरी के दिन षटतिला एकादशी मनाई जाएगी. पंचाग के अनुसार, 17 जनवरी शाम 6 बजकर 5 मिनट से एकादशी शुरू हो जाएगी और अगले दिन 18 जनवरी शाम 4 बजकर 3 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के चलते 18 जनवरी के दिन ही षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस चलते पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 4 बजे तक रहेगा जिस बीच पूजा की जा सकेगी.
षटतिला एकादशी में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु को तिल का भोग लगाया जाता है और दान में भी तिल (Til) देने की ही मान्यता है. इस व्रत को करने का खास महत्व माना जाता है कि जो व्यक्ति इस व्रत को करता है उसे अपने पापों से मुक्ति मिल जाती है. इसके अलावा, तिल के दान को स्वर्ग में बिताए जाने वाले समय से जोड़कर देखा जाता है. इस व्रत की पूजा के लिए सुबह-सवेरे उठकर स्नान करके व्रत का प्रण लिया जाता है. इसके पश्चात भगवान विष्णु के समक्ष पुष्प, धूप और तिल आदि अर्पित किये जाते हैं. भगवान विष्णु की आरती (Vishnu Aarti) करके भोग लगाया जाता है. कहते हैं इससे घर में खुशहाली और समृद्धि आती है.
इस दिल मिश्रित खिचड़ी बनाई जा सकती है, अड़द दाल और तिल को इस खिचड़ी में डाल सकते हैं. इसके अलावा 108 बार 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय स्वाहा' मंत्र का उच्चारण होता है. इस दिन शराब या किसी भी तरह के नशीले पदार्थों से दूरी बनाकर रहने की सलाह दी जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)