Niyam of chanting Hanuman Chalisa: हनुमान जी को संकटमोचक नाम मिला है और वे भक्तों के हर संकट का निवारण करने वाले माने जाते हैं. हनुमान भक्त नियम से हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. खास कर मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित है और इस दिन भक्त मंदिरों में जाकर बजरंग बली के दर्शन करते हैं. धर्म के जानने वालों के अनुसार हर देवी देवता की पूजा के लिए दिन के साथ साथ दिन में समय का भी प्रावधान किया है और सही समय पर की गई पूजा अर्चना ज्यादा फलदाई मानी जाती है. हाल ही में इंस्टाग्राम पर bhavishyawaanipodcast अकाउंट से हनुमान चालीसा के पाठ के नियमों (Kya Hi Hanuman Chalisa Ke PathKe Niyam) को लेकर कुछ बातें शेयर की गई है. आइए जानते हैं हनुमान चालीसा का पाठ कब (Kab Karna Chaihye Hanuman Chalisa Ka Path) और कितनी बार करना चाहिए (Kitni Baar Ka Karna Chaihye Hanuman Chalisa Ka Path).
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मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है. इस दिन बड़ी संख्या में लोग मंदिरों में जाकर हनुमान जी की पूजा अर्चना करते हैं. वैसे बहुत सारे लोग ही इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. हालांकि ये भी माना जाता है कि सही समय पर पाठ नहीं करने पर पाठ का लाभ प्राप्त नहीं होता है. धर्म के जानने वालों के अनुसार हनुमान जी सुबह के समय प्रभु श्रीराम की सेवा में होते हैं इसलिए हनुमान चालीसा का पाठ शाम के समय करना ज्यादा उचित होता है. बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना सबसे उपयोगी माना जाता है. खासकर मंगलवार को शाम के समय हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और उनके दुख दूर हो जाते हैं.
किसी भी देवी देवता की अराधना के लिए किए जाने वाले पाठ की संख्या को विषम रखना शुभ माना जाता है. ऐसे में हनुमान चालीसा का पाठ तीन, पांच, ग्यारह….. के क्रम में किया जा सकता है. पाठ की संख्या हमेशा बढ़ते क्रम में होना चाहिए. यानी ग्यारह बार पाठ करने के बाद तीन बार पाठ नहीं करना चाहिए.
शास्त्रों में हनुमान चालीसा पाठ के कुछ नियम भी बताए गए हैं. मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत शुभ होता है. पाठ करने से पहले स्वयं की शुद्धता का ध्यान जरूर रखना चाहिए. पाठ से पहले स्नान करना या गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए. पाठ करते समय आसन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. हनुमान चालीसा का पाठ शुरू करने से पहले भगवान गणेश की वंदना करें और इसके बाद भगवान श्री राम और माता सीता को प्रणाम करें. चालीसा के पाठ से पहले धूप-दीप जलाएं और हनुमान जी को पुष्प चढ़ाएं. पाठ करते समय हमेशा ध्यान रखें कि मन में किसी भी प्रकार की चिंता या किसी के प्रति द्वेष की भावना न हो. अपनी मनोकामनाओं को ध्यान में रखकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. प्रस्तुति: रोहित कुमार
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.