Puja Path Ke Niyam: पूजा के दौरान भूलकर भी न करें इन बर्तनों का इस्तेमाल, जानिए वजह

सनातन धर्म शास्त्रों के अनुसार, पूजा-पाठ में किस धातु के बर्तनों का इस्तेमाल होना चाहिए, इसके लिए भी नियम बनाए गए हैं. अक्सर लोग पूजा के समय कई प्रकार के बर्तनों (धातु के पात्र) का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आपको पता किस धातु क्या प्रभाव पड़ता है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
Puja Path Ke Niyam: जानिए क‍िस धातु के बने बर्तन पूजा में द‍िलाते हैं शुभ-लाभ

हिन्दू धर्म में पूजा पाठ का विशेष महत्व है. पूजा पाठ के समय शुभ और पवित्र चीजों का इस्तेमाल का खास ध्यान रखा जाता है. अक्सर कई बार जाने अनजाने हम पूजा के दौरान छोटी-छोटी गलतियां कर बैठते हैं, जिनके बारे में कई लोगों को जानकारी नहीं होती. आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं. कहते हैं कि पूजा पाठ में हुई जरा सी लापरवाही पूजा के पूरे फल को निष्क्रिय कर सकती है. अक्सर लोग पूजा के समय कई प्रकार के बर्तनों (धातु के पात्र) का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आपको पता किस धातु क्या प्रभाव पड़ता है.

Vastu Tips: भूलकर भी पर्स में न रखें ये 6 चीजें, नहीं तो रहेगी पैसे की तंगी

हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार, पूजा-पाठ में किस धातु के बर्तनों का इस्तेमाल होना चाहिए, इसके लिए भी नियम बनाए गए हैं. आइए जानते हैं क‍ि कौन सी धातु के बर्तनों में पूजा करने का क्‍या फल म‍िलता है और कौन सी धातु के बर्तन पूजा के ल‍िए माने जाते हैं अशुभ.

Ganesh Puja 2022: मोदक से लेकर श्रीखंड और पुरन पोली तक गणपति बप्पा को लगाएं उनके प्रिय भोग

देवी-देवताओं के लिए तांबे का प्रयोग

हिंदू धर्म पुराणों में तांबे को एक शुद्ध धातु बताया गया है. मान्यता है कि देवी-देवताओं को तांबा अति प्रिय है. यही वजह है कि पूजा के समय तांबे के बर्तन का प्रयोग किया जाता है. वहीं पूजा पाठ में चांदी से बने पात्रों से अभिषेक करना उत्तम माना जाता है. इसे लेकर एक श्लोक का भी उल्लेख किया गया है.

Advertisement

तत्ताम्रभाजने मह्म दीयते यत्सुपुष्कलम् ।

अतुला तेन मे प्रीतिर्भूमे जानीहि सुव्रते।।

माँगल्यम् च पवित्रं च ताम्रनतेन् प्रियं मम ।

एवं ताम्रं समुतपन्नमिति मे रोचते हि तत्।

दीक्षितैर्वै पद्यार्ध्यादौ च दीयते।

अर्थ- प्रभु को तांबा अत्यंत प्रिय है. तांबा मंगलस्वरूप और पवित्र है. तांबे के पात्र से प्रभु को कुछ भी चढ़ाने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं. इसी कारण पूजा के समय तांबे के बर्तनों का उपयोग किया जाता है.

Advertisement

देवी-देवताओं के लिए चांदी का प्रयोग

बता दें कि चांदी का पात्र बेहद पवित्र माना जाता है. चांदी के पात्र से अभिषेक पूजन करना उत्तम माना जाता है. कहते हैं कि चांदी चंद्रदेव का प्रतिनिधित्व करती है. यही वजह है कि चंद्र देव की पूजा करते समय मुख्यतौर पर चांदी के पात्र का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं पितरों के तर्पण के लिए भी चांदी के पात्रों का इस्तेमाल होता है. कहते हैं कि तांबे के पात्र से दुग्धाभिषेक वर्जित है. इसके अलावा देवकार्य के दौरान भी चांदी का इस्तेमाल वर्जित है.

Advertisement

देवी-देवताओं के लिए लोहे का प्रयोग

लोहे को शनिदेव के साथ जोड़कर देखा जाता है. सनातन धर्म की मानें तो पूजा-पाठ के दौरान भूलकर भी लोहे के बने बर्तनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. जंग लगने के कारण इसे शुद्ध धातु नहीं माना जाता है. यही वजह है कि पूजा पाठ में इससे बने पात्रों का इस्तेमाल वर्जित है.

Advertisement

कहते हैं कि लोहे के अलावा दूसरी अन्य धातुओं जैसे स्टील, एल्यूमीनियम आदि का देवी-देवताओं की पूजा पाठ में किसी भी प्रकार से इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
BREAKING: PM Modi को Kuwait के सर्वोच्च सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से किया गया सम्मानित