Pradosh Vrat 2025 : प्रदोष व्रत में न करें ये गलतियां, पूजा का नहीं मिलेगा पूरा फल

आइए जान लेते हैं प्रदोष व्रत से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जिसका पालन पूजा में जरूर करना चाहिए नहीं तो इस व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है. 

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भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त शाम 06:50 मिनट से रात 09:11 मिनट तक रहेगा. 

Pradosh vrat 2025 date & muhurat : प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा (How to do pradosh vrat puja) के लिए खास माना जाता है. यह व्रत महीने में दो बार आता है जिनमें से एक शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्ण पक्ष में. इस व्रत में सच्चे मन से भोलनाथ की पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं साथ ही, जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं. चैत्र महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 27 मार्च को रखा जाएगा. ऐसे में आइए जान लेते हैं, इस व्रत से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जिसका पालन प्रदोष पूजा में जरूर करना चाहिए नहीं तो इस व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है. 

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प्रदोष व्रत में क्या न करें - What not to do on Pradosh fast

  • अगर आप प्रदोष व्रत रखते हैं तो नमक का सेवन और काले वस्त्र धारण न करें.
  • इस व्रत में नकारात्मक विचार मन में न लाएं.
  • झगड़ा करने या झूठ बोलने से भी व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता.
  • साथ ही इस व्रत में ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करना चाहिए.
  • इस व्रत में आप फल और जूस का सेवन करें.
  • जो लोग व्रत नहीं रख रहे हैं, वो भी इस दिन तामसिक भोजन का सेवन न करें.
  • शिवलिंग पर टूटे चावल, हल्दी, तुलसी, सिंदूर और नारियल नहीं अर्पित करना चाहिए. 

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त - Auspicious time of Pradosh fast

  • चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरूआत 27 मार्च देर रात 01:42 मिनट पर होगी, जिसका समापन 27 मार्च को रात 11:03 मिनट पर होगा. ऐसे में प्रदोष व्रत 27 मार्च दिन गुरुवार को रखा जाएगा. 

पूजा मुहूर्त - Pradosh puja muhurat

  • भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त शाम 06:50 मिनट से रात 09:11 मिनट तक रहेगा. 

प्रदोष व्रत पूजा विधि - Pradosh Vrat Puja Vidhi

  • सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें.
  • फिर साफ वस्त्र धारण करें.
  • अब शिव जी का ध्यान करके व्रत का संकल्प लीजिए.
  • अब पूजा स्थल को गंगाजल छिड़कर पवित्र कर लीजिए.
  • अब शिव परिवार की मूर्ति स्थापित करें.
  • शिव जी को कुमकुम, सफेद चंदन का तिलक लगाएं.
  • फूलों की माला अर्पित करें.
  • भगवान शिव को भोग लगाएं.
  • भगवान शिव के वैदिक मंत्रों का जाप करें.
  • शिव जी की आरती करें.
  • अंत में पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगें.


 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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