नाग पंचमी किस दिन मनाई जाएगी, ये पर्व क्यों मनाया जाता है क्या है इसकी मान्यता और कथा, पढ़िए यहां

नाग की पूजा के पीछे ये भी एक संदेश छुपा है कि बुरे और कड़वा बोलने वाले लोग भी हमारे सच्चे हितैषी होते हैं. नाग प्राकृतिक सफाई कर्मी भी है. वे विभिन्न प्रकार के कीड़े मकोड़ों को खा जाते हैं. जिससे किसानों की फसलों और लोगों की रक्षा होती है, और पर्यावरण में संतुलन बैठता है.

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Significance of nagpanchami : गरुड़ पुराण में नागों की पूजा को पितरों की शांति और वंश वृद्धि से भी जोड़ा गया है.

Nagpanchami kab hai 2025 : नाग पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में नागों (सर्पों) की पूजा के लिए समर्पित है और यह श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष ये त्योहार 29 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा. इस पर्व का उल्लेख कई हिन्दू धर्म शास्त्रों में प्रमुखता से किया गया है. विशेष रूप से भगवत पुराण, महाभारत, गरुड़ पुराण, तथा स्कंद पुराण में. स्कंद पुराण में नागों की उत्पत्ति, उनकी पूजा की विधि और महत्व का वर्णन दिया गया है. इसमें बताया गया है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से भय, रोग और अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है. इस दिन विशेष रूप से शेषनाग, वासुकी, तक्षक, कर्कोटक, पद्म, महापद्म नागों की पूजा की जाती है. इसके अलावा और क्या कुछ विशेष है इस पर्व से जुड़ा जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से...

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नाग पंचमी कथा और महत्व

महाभारत ग्रंथ में नाग पंचमी से जुड़ी एक प्रमुख कथा है जब पांडव खांडव वन अपने महल के लिए जगह खोज रहे थे. तब उन्होंने सफाई के लिए वहां आग लगा दी. जिससे हजारों सर्प जलकर मर गए. फिर उन सर्पों में एक ने अर्जुन को मारने की कोशिश की थी. एक अन्य कथा के अनुसार, राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय ने नागों से बदला लेने के लिए एक यज्ञ किया था। इस यज्ञ में सभी नाग जलने लगे, तब ऋषि आस्तिक ने यज्ञ को रोककर नागों की रक्षा की. उस दिन पंचमी तिथि थी, जिसे नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है. 

वहीं, एक कथा है समुद्र मंथन की जिसमें वासुकी नाग की रस्सी बना कर देवताओं और राक्षसों ने समुद्र मंथन में सहयोग दिया था.

गरुड़ पुराण में नागों की पूजा को पितरों की शांति और वंश वृद्धि से भी जोड़ा गया है. सर्प देवता को देवी की शक्ति का प्रतीक माना गया है, विशेषकर कुंडलिनी शक्ति से जोड़ा गया है.

इस प्रकार, नाग पंचमी न केवल श्रद्धा और रक्षा का पर्व नहीं है, बल्कि यह धर्म, संस्कृति और प्रकृति से जुड़ी एक गहन परंपरा है जिसका आधार शास्त्रीय ग्रंथों में स्पष्ट रूप से मिलता है.

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नाग हमारे मित्र भी हैं. इनको किसानों का मित्र बताया गया है. ये विभिन्न प्रकार के कीड़े-मकोड़ों से किसानों की फसलों की रक्षा करते हैं. आपको बता दें कि शेषनाग ने हमारी पृथ्वी को अपने फन पर उठा रखा है, और वासुकी नाग ने समुद्र मंथन में सहयोग किया था. समय समय पर नागों ने देवताओं और मनुष्यों की सहायता की है. 

काल सर्प दोष से कैसे पाएं मुक्ति

काल सर्प योग से पीड़ित व्यक्ति नाग पंचमी के दिन यदि नाग नागिन के एक जोड़े को सपेरों से लेकर जंगल में मुक्त कराएं, तो उसे काल सर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है. पूर्व जन्म नागों अथवा सर्पों को सताने अथवा मारने से व्यक्ति की कुण्डली में काल सर्प दोष आता है. 

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नाग पंचमी के दिन नागों को दूध पिलाएं. घर की दीवार पर लकड़ी के कोयले से नाग बनाकर पूजा करें. 

नाग पंचमी का महत्व

नाग की पूजा के पीछे ये भी एक संदेश छुपा है कि बुरे और कड़वा बोलने वाले लोग भी हमारे सच्चे हितैषी होते हैं. नाग प्राकृतिक सफाई कर्मी भी है. वे विभिन्न प्रकार के कीड़े मकोड़ों को खा जाते हैं. जिससे किसानों की फसलों और लोगों की रक्षा होती है, और पर्यावरण में संतुलन बैठता है.

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