Makarsankranti date 2025 : नए साल में कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति और क्यों बनाई जाती है इस दिन खिचड़ी, जानिए यहां

2025 mein Khichdi kab hai : जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में जाता है और मकर राशि में प्रवेश करता है, तो यह सर्दियों के अंत को दर्शाता है, जिससे मकर संक्रांति न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि मौसमी रूप से भी महत्वपूर्ण है. 

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मकर संक्रांति को बनने वाले मुख्य पकवान खिचड़ी को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं.

Khichdi date 2025 : क्या आप जानते हैं कि 'संक्रांति' का शाब्दिक अर्थ 'गति' होता है. वेदों के अनुसार, सूर्य का एक राशि से दूसरे में जाना संक्रांति कहलाता है. साल में कुल 12 संक्रांति आती हैं, जिनमें से मकर संक्रांति, जिसे 'पौष संक्रांति' के रूप में भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म में पर्व की तरह मनाया जाता है. इस दिन खिचड़ी खाने और पतंग उड़ाने का रिवाज है. ऐसे में नए साल में मकर संक्रांति कब है और इस दिन खिचड़ी क्यों खाई जाती है, ये सारी बातें आगे आर्टिकल में बताई जा रही है. 

2025 में कब है मकर संक्रांति

द्रिकपंचांग के अनुसार इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी . जिसका शुभ मुहूर्त सुबह 7:15 बजे से शाम 5:46 बजे तक है.

मकर संक्रांति को क्यों बनती है खिचड़ी

मकर संक्रांति को बनने वाले मुख्य पकवान खिचड़ी को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं. आयु्र्वेद के अनुसार खिचड़ी सुपाच्य भोजन है, जो सेहत के लिए औषधि की तरह काम करता है. 

वहीं, धार्मिक मान्यता के अनुसार चावल चंद्रमा का, काली उड़द शनि, हल्दी गुरु और नमक शुक्र का प्रतीक है. वहीं, हरी सब्जियां बुध का प्रतीक मानी जाती हैं. ऐसे में इन सबसे तैयार खिचड़ी खाने से व्यक्ति के सारे ग्रह मजबूत होते हैं. वहीं यह भी मान्यता है कि इस दिन खिचड़ी के सेवन से आप पूरे साल आरोग्य भी रहते हैं. 

मकर संक्रांति का महत्व 

जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में जाता है और मकर राशि में प्रवेश करता है, तो यह सर्दियों के अंत को दर्शाता है, जिससे मकर संक्रांति न केवल धार्मिक रूप से बल्कि मौसमी रूप से भी महत्वपूर्ण है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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