Kumbh Sankranti 2022: आज है कुंभ संक्रांति, जानिए शुभ मुहूर्त और महा पुण्य काल का समय

हिंदू धर्म में कुंभ संक्रांति की तिथि का विशेष महत्व है. कुंभ संक्रांति के दिन विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा और व्रत किया जाता है. माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना और दान पुण्य करना विशेष रूप से फलदायी होता है. आइए जानते हैं कुंभ संक्रांति के दिन पूजा का मुहूर्त और महा पुण्य काल का समय.

Advertisement
Read Time: 7 mins
K
नई दिल्ली:

सनातन धर्म में हर एक व्रत और पर्व का अपना एक अलग महत्व है, जिस प्रकार पौष माह में मकर संक्रांति का संबंध सूर्य के अपने राशि परिवर्तन से है, उसी प्रकार माघ माह में कुंभ संक्रांति (Kumbh Sankranti 2022) के दिन भी सूर्य का राशि परिवर्तन होता है. इस दौरान सूर्य मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे कुंभ संक्रांति कहा जाता है. हिंदू धर्म में कुंभ संक्रांति (Kumbh Sankranti Vrat) की तिथि का विशेष महत्व है.

Kumbh Sankranti 2022: कुंभ संक्रांति पर किया जाता है सूर्य चालीसा का पाठ

कुंभ संक्रांति (Kumbh Sankranti) के दिन विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा और व्रत किया जाता है. साल 2022 में कुंभ संक्रांति आज 13 फरवरी को है. मान्यता है कि कुंभ संक्रांति के दिन नदी में स्नान करते हुए सूर्य देव को जल (सूर्य देवता को अर्ध्‍य देते समय जल में मिलाएं ये चीजें) चढ़ाने और पूजन के समय सूर्य देव (Lord Surya) के मंत्रों का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

Ekadashi 2022 Date: जानिए 2022 में कब-कब और किस दिन रखे जाएगे ये एकादशी व्रत

माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना और दान पुण्य करना विशेष रूप से फलदायी होता है. आइए जानते हैं कुंभ संक्रांति (Kumbh Sankranti Puja) के दिन पूजा का मुहूर्त और महा पुण्य काल का समय.

कुंभ संक्रांति 2022 तिथि | Kumbh Sankranti 2022 Tithi

  • सूर्य देव 13 फरवरी को देर रात 3 बजकर 41 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे.
  • सनातन धर्म में उदया तिथि मान है. 13 फरवरी को कुंभ संक्रांति है.
  • पुण्य काल सुर्योदय से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है. इस अवधि में पूजा, जप, तप और दान कर सकते हैं.
  • शास्त्रों में प्रात:काल करने का विधान है. इसके लिए सुबह में ही पूजा-उपासना कर दान करना शुभ होगा.

कुंभ संक्रांति 2022 शुभ मुहूर्त और महा पुण्य काल | Kumbh Sankranti 2022 Ka Punya Kaal)

  • सूर्य का कुंभ राशि में प्रवेश- 13 फरवरी, रविवार सुबह 3 बजकर 41 मिनट पर.
  • पुण्य काल की शुरुआत- सुबह 7 बजकर 01 मिनट से.
  • पुण्य काल की समाप्ति- दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर.
  • कुंभ संक्रांति पुण्य काल का कुल समय-  05 घंटा 34 मिनट.
  • महा पुण्य काल की शुरुआत- सुबह 7 बजकर 01 मिनट से.
  • महा पुण्य काल की समाप्ति- सुबह 8 बजकर 53 मिनट पर.
  • महा पुण्य काल की कुल अवधि- 01 घंटा 51 मिनट.

कुंभ संक्रांति पर ऐसे करें पूजा | Kumbh Sankranti Puja Vidhi

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान ध्यान से निवृत होकर सर्वप्रथम पूजा करें. संभव हो तो व्रत का संकल्प लें.

इसके बाद आमचन कर अपने आप को शुद्ध कर लें.

भगवान भास्कर को जल अर्पित करें. इस दौरान निम्न मंत्र का उच्चारण करें.

एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।

अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर।।

इसके बाद गायत्री मंत्र का जाप करें.

ॐ भूर् भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं।

भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।।

भगवान श्री हरि विष्णु का स्मरण कर निम्न मंत्र का उच्चारण करें.

शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।

विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम

लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।"

पूजा के समय पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है.

भगवान भास्कर की पूजा फल, धूप-दीप, दूर्वा आदि से करें.

पूजा के आखिर में आरती पढ़ें और भगवान से सुख, शांति और समृद्धि की कामना करें.

संभव हो तो इस दिन पूजा के बाद ब्राह्मणों को दान दे सकते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Jammu Kashmir Assembly Elections: AIP और जमाते इस्लामी के समर्थन वाले निर्दलीय किसका खेल बिगाड़ेंगे?