Vinayak Chaturthi 2022: सर्वार्थ सिद्धि योग में विनायक चतुर्थी आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Vinayak Chaturthi 2022: ज्येष्ठ मास की विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा होती है. इस दिन शुक्रवार का भी संयोग बना रहा है. इस बार ज्येष्ठ विनायक चतुर्थी 03 जून को पड़ रही है.

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Vinayak Chaturthi 2022: ज्येष्ठ मास की विनायक चतुर्थी का व्रत 3 जून को रखा जाएगा.

Vinayak Chaturthi 2022: ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 3 जून शुक्रवार यानी आज है. पंचांग के मुताबिक शुक्रवार (Friday) और सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvartha Siddhi Yoga) का संयोग बन रहा है. इस दिन नौपता भी समाप्त हो रहा है. चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश (Lord Ganesha) के लिए व्रत किया जाता है. साथ ही उनकी पूजा की जाती है. गणेश चतुर्थी (Ganesha Chaturthi) के दिन शुक्रवार पड़ने से इसका महत्व और भी अधिक बढ़ गया है. दरअसल शुक्रवार को मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) की भी पूजा होती है. शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) कहते हैं. आइए जानते हैं ज्येष्ठ मास की विनायक गणेश चतुर्थी के बारे में.

विनायक चतुर्थी 2022 पूजा मुहूर्त | Vinayak Chaturthi Puja Muhurat

हिंदी पंचांग के मुताबिक 03 जून दिन गुरुवार को विनायक चतुर्थी ((Vinayak Chaturthi) की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक है.  


विनायक चतुर्थी पूजा विधि | Vinayak Chaturthi Puja Vidhi

विनायक चतुर्थी ((Vinayak Chaturthi) के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लिया जाता है. स्नान के बाद गणेश मंदिर या घर के पूजन स्थल पर पूजा की तैयारी की जाती है. भगवान के समक्ष व्रत और पूजा का संकल्प लिया जाता है. इसके बाद भगवान गणेश को दूर्वा, फूल, अक्षत, वस्त्र और प्रसाद चढ़ाया जाता है. फिर श्री गणेशाय नम: बोलते हुए भगवान गणेश को जनऊ अर्पित किया जाता है. इसके बाद भगवान को फलों का भोग लगाया जाता है. अंत में आरती की जाती है. 

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गणेश जी के मंत्र | Ganesh Mantra

ओम् सुमुखाय नम:, ओम् एकदंताय नम:, ओम् कपिलाय नम:, ओम् गजकर्णाय नम:, ओम् लंबोदराय नम:, ओम् विकटाय नम:, ओम् विघ्ननाशाय नम:, ओम् विनायकाय नम:, ओम् धूम्रकेतवे नम:, ओम् गणाध्यक्षाय नम:, ओम् भालचंद्राय नम:, ओम् गजाननाय नम:

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व्रत के नियम | Vinayak Chaturthi Vrat Rules

विनायक चतुर्थी का व्रत (Vinayak Chaturthi Vrat) रखने वालों को इस दिन निराहार रहना चाहिए. हालांकि आप चाहें तो फलाहार कर सकते हैं. इस दिन शाम के वक्त चंद्रोदय के बाद चंद्र दर्शन और गणेश जी की पूजा के बाद व्रत पूरा होता है. 

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शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा 

विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) के दिन शुक्रवार का संयोग बन रहा है. ऐसे में इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जा सकती है. साथ ही भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है. इसके लिए दक्षिणावर्ती शंख से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का अभिषेक करें. इसके बाद मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को स्त्र, हार-फूल, भोग आदि चीजें अर्पित करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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