Holashtak 2022: आज से 8 दिनों तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य, जानिए होलाष्टक पर क्या करें और क्या नहीं

साल 2022 में होलाष्टक 10 मार्च से 18 मार्च तक लगेगा. शास्त्रों के मुताबिक, होलिका दहन से आठ दिन पहले आज होलाष्टक की शुरुआत हो रही है. इस दौरान होली तक कोई भी शुभ संस्कार की मनाही होती है, लेकिन होलाष्टक के दिनों में पूजा-पाठ और अनुष्ठान का विशेष महत्व होता है.

विज्ञापन
Read Time: 23 mins
Holashtak 2022: आज से लग रहे होलाष्टक, जानिए इसका महत्व

Holashtak 2022 Date: आज से होलाष्टक (Holashtak) शुरू हो जाएंगे. शास्त्रीय परंपरा के अनुसार, साल 2022 में होलाष्टक 10 मार्च से 18 मार्च तक लगेगा. फाल्गुन माह (Phalguna Month) में शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा (Purnima) तिथि तक कोई भी शुभ मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. शास्त्रों के मुताबिक, होलिका दहन से आठ दिन पहले होलाष्टक की शुरुआत होती है. इस दौरान होली (Holi) तक कोई भी शुभ संस्कार की मनाही होती है, लेकिन होलाष्टक के दिनों में पूजा-पाठ और अनुष्ठान का विशेष महत्व होता है.

Holi 2022 Shubh Yog: होली पर बन रहे ये 5 शुभ संयोग, होलिका दहन के पूजन में भूलकर भी ना करें ये गलतियां

कहते हैं कि इन दिनों भगवान श्री कृष्ण की आराधना बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है. आइए जानते हैं कि होलाष्टक पर क्या करें और क्या नहीं.

Advertisement

Holi 2022: कहा जाता है कि होली पर ये 4 उपाय करने भर से ही घर में सुख-समृद्धि आती है, रखें इन बातों का ध्यान 

Advertisement

जानिए होलाष्टक के दौरान क्या न करें

सनातन धर्म में होलाष्टक को शुभ नहीं माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, इन दिनों कोई भी मांगलिक शुभ कार्य नहीं किया जाता है. मान्यता है कि होलाष्टक (Holashtak) के समय भगवान श्री हरि विष्णु (Lord Vishnu) के भक्त प्रह्रलाद को तरह-तरह के कष्ट मिले थे. यही वजह है कि होली के आठ दिन पहले से विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य शुभ कार्यो नहीं किए जाते. खासतौर पर इन दिनों में सगाई, गोद भराई और ग्रह शांति कार्यक्रम बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए.

Advertisement

जानें होलाष्टक के दौरान क्या करें

हिंदू धर्म में होलाष्टक के दौरान विशेष रूप से प्रभु की आराधना की जाती है. इन दिनों भगवान की पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इन दिनों प्रभु ने कष्ट सहे थे. होलाष्टक के दौरान मंत्रों का जाप, वैदिक अनुष्ठान और यज्ञ करना अच्छा माना जाता है. कहते हैं ऐसा करने से कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. वहीं होलाष्टक के समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है. 

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
USHA Silai School कैसे महिलाओं के जीवन में ला रहा है बदलाव? | Kushalta Ke Kadam