Chandra Grahan 2023: इस साल कुल चार ग्रहण लगने वाले हैं जिनमें से 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण होंगे. बीते अप्रैल साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था और आने वाली 5 मई के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) लगेगा. इस दिन वैशाख पूर्णिमा भी है. वैशाख पूर्णिमा पर हर साल बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है. बुद्ध पूर्णिमा गौतम बुद्ध के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं जहां गौतम बुद्ध के अनुयायी बौद्ध मठों में जाकर प्रार्थना आदि करते हैं. माना जा रहा है कि इस साल बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) और चंद्र ग्रहण पर भद्रा का साया लगने वाला है.
चंद्र ग्रहण और बुद्ध पूर्णिमा पर भद्रा का साया
भद्रा के साये को धार्मिक मान्यतानुसार अच्छा नहीं माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भद्रा का वास पाताल लोक में होता है और वहीं पर भद्रा विचरण करती है. भद्रा के पाताल लोक में विचरण करने के दौरान पृथ्वी पर उसका अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है. परंतु, जिस समय भद्रा का साया (Bhadra Ka Saya) लगता है उसे अच्छा नहीं माना माना जाता है. चंद्र ग्रहण और बुद्ध पूर्णिमा के दिन शाम के समय भद्रा का साया लगने वाला है. माना जा रहा है कि शाम 5 बजकर 1 मिनट से भद्रा लग रही है और यह रात 11 बजकर 27 मिनट तक रहने वाली है.
साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई की रात 8 बजकर 45 मिनट पर लग रहा है और यह रात 1 बजे तक रहने वाला है. इस चंद्र ग्रहण को उपच्छाया चंद्र ग्रहण बताया जा रहा है. इस चंद्र ग्रहण को भारत से देखा जा सकता है इसीलिए सूतक काल (Sutak Kaal) मान्य होगा. माना जा रहा है कि चंद्र ग्रहण और बुद्ध पूर्णिमा पर भद्रा के साये का प्रभाव नहीं पड़ेगा, परंतु धार्मिक मान्यताओं के आधार पर कुछ बातों का ध्यान रखा जा सकता है और उपाय किए जा सकते हैं.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा की स्थिति को इस दिन मजबूत करने के लिए तुलसी दल को मुंह में रखा जा सकता है. मुंह में तुलसी दल रखने के दौराम बीज मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जप करना शुभ मानते हैं. इससे चंद्र ग्रहण का अशुभ प्रभाव नहीं माना जाता है.
- चंद्र ग्रहण के पश्चात् स्नान करना शुभ माना जाता है. कहते हैं चंद्र ग्रहण हट जाने के बाद गंगाजल से स्नान करना अच्छा रहता है.
- मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए गोमती चक्र स्थापित किया जा सकता है. चंद्र ग्रहण के दिन ऐसा करना विशेषकर शुभ माना जाता है.
- कौवों को इस दिन मीठे चावल खिलाना शुभ मानते हैं. कहते हैं इस उपाय से राहु-केतु और ग्रह शनि दोष में कमी आती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)